Bihar Election 2025: महागठबंधन में सीट बंटवारे पर सहमति, कांग्रेस को 50 सीटें, ओवैसी ने लिया बड़ा फैसला
महागठबंधन में सीट बंटवारा, कांग्रेस को 50 सीटें, ओवैसी ने ठुकराया गठबंधन, बिहार में सियासत गर्म।

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर चर्चा तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस इस बार 50 से 60 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, जो कि 2020 के चुनाव में मिली 70 सीटों से कम है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और अन्य सहयोगी दलों के साथ चल रही बातचीत में यह सहमति बनती दिख रही है। यह खबर बिहार की जनता के बीच चर्चा का विषय बन गई है, क्योंकि महागठबंधन की रणनीति पर सबकी नजर है।
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन इस बार RJD और अन्य दल कम सीटें देने के पक्ष में हैं। सूत्रों का कहना है कि RJD इस बार 150 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है, जबकि बाकी सीटें कांग्रेस और वामपंथी दलों के बीच बंटेंगी। इस बंटवारे में कांग्रेस को 50 सीटों पर सहमति बनती दिख रही है, जो उसके लिए एक चुनौती हो सकती है।
ओवैसी ने ठुकराया गठबंधन का प्रस्ताव
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी इस बार महागठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी। ओवैसी ने कहा, “एकतरफा मोहब्बत अब नहीं चलेगी।” उनका यह बयान बिहार की सियासत में हलचल मचा रहा है। AIMIM ने पिछले चुनाव में कुछ सीटों पर अच्छा प्रदर्शन किया था, और इस बार वे अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। ओवैसी का यह फैसला महागठबंधन के लिए नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि उनका वोट बैंक कुछ खास इलाकों में प्रभावशाली है।
कांग्रेस की रणनीति और चुनौतियां
कांग्रेस इस बार कम सीटों पर भी मजबूत रणनीति के साथ उतरने की तैयारी में है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस उन सीटों पर अपने दमदार उम्मीदवार उतारेगी, जहां जीत की संभावना ज्यादा है। बिहार कांग्रेस के प्रभारी अल्लावरु और प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने इस मुद्दे पर दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस 50 सीटों पर जीत के लिए पूरी ताकत झोंक देगी।
बिहार चुनाव का माहौल
Bihar Election 2025 2025 को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। महागठबंधन और एनडीए दोनों अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। जनता के बीच इस बात को लेकर चर्चा जोरों पर है,कि क्या कम सीटों के बावजूद कांग्रेस अपने प्रदर्शन को बेहतर कर पाएगी और ओवैसी का अकेले चुनाव लड़ने का फैसला कितना असर डालेगा। आने वाले दिन बिहार की सियासत के लिए बेहद अहम होंगे।