
Bihar News: बिहार के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) कुंदन कृष्णन ने हाल ही में एक बयान में अपराध को किसानों से जोड़ दिया था, जिसके बाद विपक्षी दलों और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने इस पर कड़ा विरोध जताया। इस बयान ने बिहार की सियासत में हंगामा मचा दिया था। कुंदन कृष्णन ने अपने बयान में अपराध के लिए किसानों को जिम्मेदार ठहराया था, जिसे लेकर किसान समुदाय में भारी नाराजगी देखी गई। इस विवाद के बाद, कुंदन कृष्णन ने अपने बयान पर खेद व्यक्त करते हुए किसानों से माफी मांगी है।
माफी के पीछे की वजह
कुंदन कृष्णन ने 19 जुलाई 2025 को अपने बयान में कहा, “मेरे बयान से अगर किसी किसान को ठेस पहुंची है, तो मैं इसके लिए खेद व्यक्त करता हूं। मेरे पूर्वज भी किसान थे, और मेरे मन में किसानों के लिए बहुत सम्मान है।” यह बयान तब आया जब विपक्षी नेताओं और चिराग पासवान ने उनके बयान की निंदा की थी। चिराग पासवान ने कहा कि किसानों को अपराध से जोड़ना न केवल गलत है, बल्कि यह किसान समुदाय का अपमान भी है। उन्होंने मांग की थी कि कुंदन कृष्णन अपने बयान पर माफी मांगें। विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया और इसे बिहार सरकार की किसान विरोधी नीतियों से जोड़ा।
Bihar News: बिहार में क्यों हुआ विवाद?
कुंदन कृष्णन का बयान ऐसे समय में आया जब बिहार में अपराध के मामले पहले से ही चर्चा में हैं। उनके बयान ने किसानों को निशाना बनाकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया। बिहार में किसान समुदाय राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और उनके खिलाफ ऐसी टिप्पणी को गलत माना गया। सोशल मीडिया पर भी इस बयान की तीखी आलोचना हुई, जहां कई लोगों ने इसे किसानों के प्रति असंवेदनशील करार दिया। X पर कई पोस्ट्स में लोगों ने कुंदन कृष्णन के बयान को गैर-जिम्मेदाराना बताया।
माफी के बाद क्या होगा असर?
कुंदन कृष्णन की माफी के बाद यह देखना होगा कि क्या यह विवाद थमेगा या और बढ़ेगा। विपक्षी दल इस मुद्दे को और भुनाने की कोशिश कर सकते हैं, क्योंकि बिहार में किसान वोटरों की संख्या बहुत ज्यादा है। चिराग पासवान ने भी इस मामले में अपनी पार्टी की स्थिति को और मजबूत करने की कोशिश की है। दूसरी ओर, बिहार सरकार इस मामले को शांत करने की कोशिश में है, ताकि किसानों का गुस्सा कम हो।
कुंदन कृष्णन की माफी को कई लोग सकारात्मक कदम मान रहे हैं, लेकिन कुछ का कहना है कि यह केवल नुकसान को कम करने की कोशिश है। बिहार में अपराध और किसानों के मुद्दों पर चर्चा अब और तेज हो सकती है।