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Shubhanshu Shukla: शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा, उदित राज के बयान पर बीजेपी का पलटवार

शुभांशु शुक्ला की Axiom-4 सफलता, उदित राज के बयान पर विवाद, बीजेपी ने कहा- जाति नहीं, काबिलियत मायने रखती है।

Shubhanshu Shukla: भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने Axiom-4 मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद पृथ्वी पर वापसी की है। यह मिशन भारत के लिए गर्व का पल रहा, क्योंकि शुभांशु पहले भारतीय हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 18 दिन बिताए। लेकिन उनकी इस उपलब्धि पर कांग्रेस नेता उदित राज के बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है। उदित राज ने कहा कि शुभांशु शुक्ला की जगह किसी दलित या ओबीसी को अंतरिक्ष में भेजा जाना चाहिए था। इस पर बीजेपी के राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौर ने कड़ा जवाब दिया है।

उदित राज का विवादित बयान

उदित राज ने कहा, “जब राकेश शर्मा अंतरिक्ष गए थे, तब दलित, एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय के लोग ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे। लेकिन अब समय बदल गया है। इस बार दलित या ओबीसी को मौका मिलना चाहिए था। नासा ने कोई परीक्षा नहीं ली थी।” उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया। कई लोगों ने इसे वैज्ञानिक उपलब्धि का राजनीतिकरण बताया। उदित राज के बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे गैर-जिम्मेदाराना करार दिया।

बीजेपी का जवाब, “जाति का कोई स्थान नहीं”

बीजेपी नेता मदन राठौर ने उदित राज के बयान की निंदा करते हुए कहा, “अंतरिक्ष मिशन में जाति का कोई रोल नहीं होता। वैज्ञानिक और अंतरिक्ष यात्री का चयन उनकी काबिलियत और प्रशिक्षण के आधार पर होता है। शुभांशु शुक्ला ने भारत का नाम रोशन किया है। ऐसे में इस तरह के बयान देना गलत है।” राठौर ने कहा कि कांग्रेस हमेशा ऐसी उपलब्धियों को राजनीति से जोड़ती है, जो देश के लिए ठीक नहीं है।

Shubhanshu Shukla की उपलब्धि

Axiom-4 मिशन में पायलट शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में सात शोध प्रयोग संपन्न किए। इनमें जल-भालू (टार्डिग्रेड्स), मांसपेशी विकास (मायोजेनेसिस) और सूक्ष्मजीवों की गतिविधियों पर अध्ययन प्रमुख थे। उनकी वापसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बधाई दी। शुभांशु की इस सफलता ने भारत के गगनयान मिशन के लिए भी रास्ता तैयार किया है।

परिवार और देश में उत्साह

Shubhanshu Shukla के लखनऊ में रहने वाले परिवार ने उनकी वापसी पर खुशी जताई। उनके पिता शंभु दयाल शुक्ला ने कहा, “हमें गर्व है कि शुभांशु ने मिशन पूरा किया और सुरक्षित लौटे।” देशभर में लोग उनकी इस उपलब्धि की सराहना कर रहे हैं। यह मिशन भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया कदम है।

Sanjna Gupta
Author: Sanjna Gupta

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