
Vice President: नई दिल्ली, भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में तमिलनाडु के पूर्व राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने आज पदभार संभाल लिया। राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई। यह समारोह सुबह 10 बजे शुरू हुआ और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और हाल ही में पद से इस्तीफा देने वाले जगदीप धनखड़ जैसे प्रमुख नेता शामिल हुए। राधाकृष्णन ने मंगलवार को हुए चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार के तौर पर शानदार जीत हासिल की थी।
शपथ ग्रहण समारोह: एकता का प्रतीक, कई दिग्गजों की मौजूदगी
राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में हुआ यह समारोह देश की राजनीतिक एकता का प्रतीक बना। एनडीए के सहयोगी दलों के नेता जैसे चिराग पासवान, जीतन राम मांझी, अनुप्रिया पटेल, एचडी कुमारस्वामी और एचडी देवेगौड़ा भी मौजूद रहे। आंध्र प्रदेश से उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण और मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, जबकि महाराष्ट्र से डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पहुंचे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रतिनिधि के रूप में संजय झा और लल्लन सिंह ने हिस्सा लिया। विपक्ष के नेताओं को भी आमंत्रण दिया गया था, जो इस कार्यक्रम की व्यापकता को दर्शाता है।
राधाकृष्णन का पहला कदम: राज्यसभा नेताओं की बैठक बुलाई
शपथ लेने के तुरंत बाद राधाकृष्णन ने राज्यसभा के सभी सदनों के नेताओं की बैठक बुलाने का ऐलान किया। ,जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई। यह कदम नए उपराष्ट्रपति के सक्रिय रुख को दिखाता है। राधाकृष्णन ने शपथ लेते हुए राष्ट्रपति मुर्मू को प्रणाम किया, जो उनके सम्मान और परंपरा के प्रति समर्पण को उजागर करता है।
राधाकृष्णन की जीत और राजनीतिक महत्व
सीपी राधाकृष्णन की यह जीत एनडीए के लिए बड़ी उपलब्धि है। तमिलनाडु में लंबे समय तक राज्यपाल रह चुके राधाकृष्णन अपनी सादगी और कुशल प्रशासन के लिए जाने जाते हैं। इस समारोह से देश की संसदीय प्रक्रिया में नया अध्याय शुरू हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि राधाकृष्णन राज्यसभा की कार्यवाही को और मजबूत बनाएंगे। यह घटना न केवल औपचारिकता थी, बल्कि देश के नेतृत्व की एकजुटता का संदेश भी देती है।