दक्षिणी राज्यव्यापार

सारंडा के बंद माइंस खोलने की मांग, राज्य सरकार को दी गई ध्यानाकर्षण याचिका

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले के गुवा और नोवामुंडी क्षेत्र में सक्रिय समाजसेवी और भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष गोविंद पाठक ने झारखंड सरकार से सारंडा क्षेत्र के सभी बंद माइंस को जल्द से जल्द खोलने की मांग की है। गोविंद पाठक ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस मामले में ध्यान देने का अनुरोध करते हुए कहा कि एशिया के सबसे बड़े जंगलों में से एक, सारंडा जंगल, खनिज संपदा से समृद्ध है। इन खनिज संसाधनों का समुचित उपयोग नहीं हो पा रहा है, जिससे क्षेत्र में बेरोजगारी, भूखमरी, चोरी और डकैती जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं।

बंद माइंस के कारण बढ़ी समस्याएं

गोविंद पाठक ने कहा कि बंद माइंस के चलते युवाओं के पास रोजगार के अवसर लगभग समाप्त हो गए हैं। इस वजह से युवा काम की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं। बेरोजगारी के कारण समाज में नकारात्मक गतिविधियां बढ़ रही हैं, और लोग आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। उन्होंने इस स्थिति को राज्य और समाज के लिए गंभीर चुनौती बताया।

खनिज संपदा का उपयोग जरूरी

पाठक ने जोर देकर कहा कि सारंडा की धरती में मौजूद प्रचुर खनिज संपदा का आकलन और उपयोग राज्य के विकास और जनहित के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। बंद माइंस को खोलने से न केवल क्षेत्र के युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।

सरकार से त्वरित कार्रवाई की अपील

गोविंद पाठक ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील की है कि राज्यहित, जनहित और समाज के उत्थान के लिए जल्द से जल्द बंद माइंस को खोलने की प्रक्रिया शुरू की जाए। उन्होंने कहा कि यह कदम बेरोजगारी को कम करने, युवाओं को काम देने और समाज में स्थिरता लाने के लिए जरूरी है। सारंडा के बंद माइंस को लेकर पाठक की यह मांग क्षेत्र के लोगों में चर्चा का विषय बन गई है। अब देखना यह है कि राज्य सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।

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