अपराध

धनबाद के कार्मेल स्कूल में जांच करने पहुंची डालसा की टीम, एबीवीपी का प्रदर्शन, छात्राओं की शर्ट उतरवाने का है मामला

धनबाद-कार्मेल स्कूल (डिगवाडीह) में पेन डे के अवसर पर 10वीं की छात्राओं की शर्ट उतरवाने के मामले में झालसा के आदेश पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा (जिला विधिक सेवा प्राधिकार) चेयरमैन वीरेंद्र कुमार तिवारी के निर्देश पर गठित आठ सदस्यीय टीम और जिला प्रशासन की टीम ने सोमवार को मामले की जांच की. इस बाबत जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सह अवर न्यायाधीश राकेश रोशन ने बताया कि जांच के दौरान टीम ने स्कूल की 10वीं और 11वीं कक्षा की छात्राओं, स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों का बयान लिया. सारी प्रक्रिया और बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग की गयी. सीसीटीवी फुटेज को टेक्नीशियन की मदद से देखा गया था. उसका फुटेज ले लिया गया है. जल्द ही टीम जांच की पूरी रिपोर्ट झालसा को भेज देगी. इसके बाद झालसा का जैसा निर्देश होगा, वैसे आगे की प्रक्रिया अपनायी जाएगी.

जांच टीम में अवर न्यायाधीश सह सचिव डालसा धनबाद राकेश रोशन, एसडीएम धनबाद राजेश कुमार, डीएसडब्ल्यू धनबाद अनीता कुजूर, डीइओ निशु कुमारी, सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी, डीसीपीओ साधना कुमारी, सीडीपीओ सिंदरी, जोड़ापोखर थाना प्रभारी, टेक्निकल सेल, एलएडीसीएस चीफ कुमार विमलेंदु, डिप्टी चीफ अजय कुमार भट्ट, असिस्टेंट मुस्कान चोपड़ा, डालसा सहायक अरुण कुमार, राजेश सिंह, थाना पीएलबी रविन्द्र शर्मा शामिल थे. रविवार को भी डालसा की टीम ने कार्मेल स्कूल पहुंचकर जांच पड़ताल की थी.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने स्कूल के मुख्य गेट पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया और गेट को जाम कर दिया है. एबीवीपी के नेता स्कूल का रजिस्ट्रेशन रद्द करने और प्रिंसिपल पर कार्रवाई की मांग पर अड़े हुए थे. डालसा की टीम जब मुख्य गेट पर पहुंची, तो उन्हें पैदल ही स्कूल के अंदर जाना पड़ा. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता मुख्य गेट को जाम कर धरना पर बैठे रहे.

धनबाद के डिगवाडीह स्थित कार्मेल स्कूल में नौ जनवरी को आयोजित पेन डे कार्यक्रम को लेकर उत्पन्न विवाद मामले में सोमवार को अपोस्टोलिक कार्मेल, पूर्वी प्रांत के मुख्यालय की ओर बयान जारी किया गया है. संस्था की काउंसेलर फॉर एजुकेशन सिस्टर मारिया कीर्ति ने जारी बयान में कहा गया है कि प्रबंधन की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आयी है कि 10वीं कक्षा की छात्राओं ने स्कूल यूनिफॉर्म के ऊपर एक अतिरिक्त शर्ट पहन रखी थी. इस पर संदेश लिखे जा रहे थे. कार्यक्रम के बाद छात्राओं से अपने मूल यूनिफॉर्म में लौटने का अनुरोध किया गया था. हालांकि मीडिया के एक वर्ग द्वारा इस घटना को गलत तरीके से प्रस्तुत किए जाने से स्कूल की छवि प्रभावित हुई है.

प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि मामले की सत्यता जानने के लिए के लिए एक आंतरिक जांच भी शुरू की गयी है. निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए स्कूल की प्रिंसिपल को जांच पूरी होने तक प्रशासनिक जिम्मेदारियों से दूर रखा गया है. स्कूल प्रबंधन ने कहा कि वे छात्रों और अभिभावकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और उपयुक्त सुधारात्मक कदम उठाये जायेंगे.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!