Bihar News: बिहार में स्वास्थ्य विभाग का कारनामा, मौत से पहले बन गई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट
रोहतास में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही, मौत से पहले बनाई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, जांच शुरू

Bihar News: बिहार के रोहतास जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों ने एक व्यक्ति की मौत से पहले ही उसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तैयार कर दी। यह घटना बिक्रमगंज थाना क्षेत्र की है, जहां एक सड़क हादसे में एक व्यक्ति की जान चली गई। लेकिन हैरानी की बात यह है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मृतक की मौत से एक दिन पहले की तारीख के साथ तैयार की गई थी। इस लापरवाही ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
रोहतास के बिक्रमगंज में हुए सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई। पुलिस और स्थानीय लोगों के अनुसार, हादसा इतना भयानक था कि व्यक्ति की मौके पर ही जान चली गई। लेकिन जब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की जांच की गई, तो पता चला कि यह रिपोर्ट हादसे से एक दिन पहले की तारीख को बनाई गई थी। यह गलती स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की लापरवाही को दर्शाती है। इस मामले ने स्थानीय लोगों में गुस्सा पैदा कर दिया है, और वे प्रशासन से इसकी जांच की मांग कर रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग पर उठे सवाल
इस घटना के बाद बिहार स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर कई सवाल उठ रहे हैं। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर कैसे एक व्यक्ति की मौत से पहले उसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बन सकती है? क्या यह सिर्फ लापरवाही है या इसके पीछे कोई बड़ा खेल है? स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी गलतियां मेडिकल सिस्टम में विश्वास को कम करती हैं। इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और संबंधित डॉक्टरों से पूछताछ की जा रही है।
Bihar News: प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
रोहतास जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। डीएम ने स्वास्थ्य विभाग को तुरंत जांच करने के आदेश दिए हैं। साथ ही, यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि भविष्य में ऐसी गलतियां न हों। पुलिस भी इस मामले में शामिल लोगों की तलाश कर रही है। स्थानीय लोग इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि दोषियों को सजा मिले और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो।
लोगों में गुस्सा, मांगी गई पारदर्शिता
इस घटना ने रोहतास के लोगों में भारी नाराजगी पैदा की है। कई लोग इसे स्वास्थ्य विभाग की गैर-जिम्मेदाराना हरकत बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर चर्चा तेज है। लोग मांग कर रहे हैं कि स्वास्थ्य विभाग में पारदर्शिता लाई जाए और ऐसी लापरवाही करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। इस मामले ने बिहार के स्वास्थ्य सिस्टम की कमियों को फिर से उजागर कर दिया है।

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