
Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने मतदाता सूची के सत्यापन के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) शुरू किया है। इसके तहत 11 दस्तावेजों की जरूरत होगी। यह खबर बिहार के गांवों और छोटे शहरों में रहने वाले लोगों के लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि यह उनके वोट के अधिकार से जुड़ी है। कई लोग इन दस्तावेजों को जुटाने में परेशानी का सामना कर रहे हैं।
सत्यापन के लिए कौन से दस्तावेज चाहिए?
निर्वाचन आयोग ने 11 दस्तावेजों की सूची जारी की है, जिनमें जन्म प्रमाण पत्र, सरकारी कर्मचारी का पहचान पत्र, स्थायी निवास प्रमाण पत्र, और जमीन आवंटन का सर्टिफिकेट शामिल हैं। आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और मनरेगा कार्ड मान्य नहीं होंगे। जिन मतदाताओं का नाम 2003-04 से पहले की सूची में है, उन्हें कोई दस्तावेज नहीं देना होगा। लेकिन बाद में जुड़े मतदाताओं को ये कागज जमा करने होंगे।
Bihar News: बिहार के लोग क्यों परेशान हैं?
बिहार के गांवों में लोग कह रहे हैं कि उनके पास सिर्फ आधार कार्ड है, और बाकी दस्तावेज बनवाना मुश्किल है। बारिश और बाढ़ के मौसम में बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के पास जाना और कागज जुटाना उनके लिए चुनौती है। विपक्षी दल RJD और कांग्रेस ने इसे ‘वोटबंदी’ बताया और कहा कि इससे गरीब, दलित और OBC वोटरों को वोट डालने से रोका जा सकता है।
सत्यापन की प्रक्रिया और समयसीमा
सत्यापन के लिए 25 जुलाई तक फॉर्म जमा करना होगा। 1 अगस्त को ड्राफ्ट मतदाता सूची आएगी, और 1 सितंबर तक आपत्तियां दर्ज की जा सकेंगी। अंतिम सूची 30 सितंबर को जारी होगी। लोग ECINet ऐप या वोटर सर्विस पोर्टल www.voters.eci.gov.in पर भी फॉर्म भर सकते हैं।