आगरा पुलिस ने तोड़ा अंतरराज्यीय धर्मांतरण नेटवर्क, 6 राज्यों से 10 आरोपी गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के आगरा में पुलिस ने एक संगठित और अंतरराज्यीय धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में पुलिस ने छह राज्यों से कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने बताया कि इस ऑपरेशन का नेतृत्व आगरा के पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने किया। शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह नेटवर्क विदेशी फंडिंग के जरिए संचालित हो रहा था और इसका दायरा कई राज्यों तक फैला हुआ है।
गैंग का काम करने का तरीका
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह सुनियोजित ढंग से तीन अलग-अलग मॉड्यूल में बंटा था—एक मॉड्यूल आर्थिक सहायता जुटाता था, दूसरा लोगों को कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़ता था, और तीसरा धर्मांतरण के बाद संबंधित व्यक्तियों को सुरक्षित स्थान पर छिपाने का काम करता था। गिरोह विशेष रूप से नाबालिग लड़कियों को निशाना बनाता था। जांच में यह भी सामने आया है कि इनकी रणनीति कई मामलों में आतंकी संगठन आईएसआईएस की कार्यप्रणाली से मेल खाती है।
सात राज्यों में फैला नेटवर्क
इस पूरे नेटवर्क की जड़ें पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा, पुडुचेरी, राजस्थान और उत्तराखंड तक फैली हुई हैं। इस मामले की जांच तब शुरू हुई जब दो सगी बहनों के कथित जबरन धर्मांतरण का मामला सामने आया। पुलिस ने इस सिलसिले में कई राज्यों में छापेमारी की और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से भी जानकारियां मांगी हैं।
विदेशी फंडिंग और कट्टरपंथ की आशंका
जांच एजेंसियों को शक है कि इस रैकेट को विदेशों से आर्थिक सहायता मिल रही थी। साइबर सेल और खुफिया एजेंसियां फंडिंग के स्रोतों और इसके इस्तेमाल की जांच में जुटी हैं। पुलिस ने एक पीड़िता की तस्वीर भी बरामद की है, जिसमें वह धर्मांतरण के बाद हथियारों के साथ नजर आ रही है—यह तस्वीर नेटवर्क की गंभीरता और कट्टरपंथी प्रकृति को दर्शाती है।
‘मिशन अस्मिता’ के तहत कार्रवाई
पुलिस ने इस ऑपरेशन को ‘मिशन अस्मिता’ के तहत अंजाम दिया है। इससे पहले बलरामपुर जिले में भी अवैध धर्मांतरण से जुड़े मामले में कार्रवाई की गई थी, जिसमें जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा सहित कई आरोपी गिरफ्तार किए गए थे। पुलिस का मानना है कि यह नेटवर्क कुछ आतंकी संगठनों से भी जुड़ा हो सकता है।
जांच जारी, और गिरफ्तारियां संभव
आगरा पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया कि इस मामले में अभी और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां मिलकर इस नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही हैं और आने वाले समय में और भी बड़े खुलासे संभव हैं।