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दिल्ली-एनसीआर में दिवाली से पहले प्रदूषण का कहर: AQI 490 तक पहुंचा

दिवाली के ठीक एक दिन पहले राजधानी दिल्ली और पूरे एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर चरम पर पहुंच गया है। सुबह-सुबह धुंध और धुएं की चादर ने शहर को ढक लिया है, जिससे विजिबिलिटी मात्र 500 मीटर तक सिमट गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली का समग्र AQI 490 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। लगातार चौथे दिन प्रदूषण बढ़ने से लोगों को आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ और खांसी जैसी समस्याएं हो रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि वाहनों के धुएं, निर्माण कार्य और पराली जलाने से यह स्थिति बनी है, जो दिवाली के पटाखों से और खराब हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग ने बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा रोगियों को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है।

AQI: आनंद विहार में 404, अक्षरधाम पर 426

दिल्ली के कई इलाकों में AQI ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ स्तर को पार कर गया है। CPCB के रीयल-टाइम डेटा के मुताबिक, आनंद विहार में AQI 404, अक्षरधाम के आसपास 426, वजीरपुर में 361, विवेक विहार में 349, द्वारका सेक्टर-8 में 327, आरके पुरम में 322, सिरीफोर्ट में 317, जहांगीरपुरी में 314, नेहरू नगर में 310, अशोक विहार में 304 और बवाना में 303 दर्ज किया गया। सुबह 9 बजे तक दिल्ली का औसत AQI 284 था, जो ‘खराब’ श्रेणी में था। एनसीआर के अन्य शहरों में भी हालात चिंताजनक हैं: नोएडा में 312 (बहुत खराब), गाजियाबाद में 324 (बहुत खराब), गुरुग्राम में 258 (खराब)। IITM के पूर्वानुमान के अनुसार, 20 अक्टूबर (दिवाली) को AQI ‘बहुत खराब’ के ऊपरी स्तर पर पहुंच सकता है, और 21 अक्टूबर को ‘गंभीर’ हो सकता है।

एनसीआर के आसपास के इलाकों में धुंध इतनी घनी हो गई है कि सड़कों पर विजिबिलिटी कम होने से ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, PM2.5 का स्तर 174 µg/m³ तक पहुंच गया, जो WHO के मानक (15 µg/m³) से 11 गुना अधिक है। इंडिया टीवी की रिपोर्ट में बताया गया कि 38 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 9 ‘बहुत खराब’ श्रेणी में हैं। अमर उजाला के अनुसार, धुंध से आंखों में जलन और श्वसन संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मास्क पहनने, इनडोर एक्सरसाइज करने और एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने की सलाह दी।

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सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, केवल ‘ग्रीन पटाखे’ 6-7 AM और 8-10 PM के बीच फूटाए जा सकते हैं, लेकिन एनफोर्समेंट मुश्किल हो रहा है। कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने GRAP-II के तहत वाटर स्प्रिंकलर्स, रोड स्वीपिंग और कंस्ट्रक्शन साइट्स पर नियंत्रण के निर्देश दिए हैं। PIB के अनुसार, NCR में प्रदूषण नियंत्रण के लिए 2025 में विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पराली जलाने पर तत्काल रोक लगाना जरूरी है, क्योंकि दिल्ली में 40% प्रदूषण इसी से आता है।

Vaibhav tiwari
Author: Vaibhav tiwari

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