
दिल्ली सरकार के अनुरोध पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल वाहनों पर लगी तेलबंदी की कार्रवाई को फिलहाल स्थगित कर दिया है। अब यह नियम 1 नवंबर 2025 से लागू होगा, वह भी केवल दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, गाजियाबाद और सोनीपत जैसे एनसीआर जिलों में भी एकसाथ लागू किया जाएगा।
तीन महीने के लिए स्थगित, नवंबर से बड़े दायरे में लागू
CAQM ने निर्देश संख्या 89 में संशोधन करते हुए इस फैसले को करीब चार महीने के लिए टालने की घोषणा की है। आयोग की यह बैठक मंगलवार को राजेश वर्मा की अध्यक्षता में हुई। दिल्ली सरकार ने आयोग से अपील की थी कि जब तक पूरे एनसीआर में ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडिंग (ANPR) सिस्टम पूरी तरह इंटीग्रेट नहीं हो जाता, तब तक इस फैसले को टाल दिया जाए।
तेलबंदी पर क्यों उठे सवाल?
दिल्ली में 1 जुलाई से पुराने वाहनों को ईंधन देने पर रोक लगाई गई थी। इसके बाद कई गाड़ियों को जब्त कर स्क्रैपिंग प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। इस कदम को लेकर जनता में असमंजस, राजनीतिक विरोध और मध्यम वर्ग की नाराजगी सामने आने लगी थी। आम आदमी पार्टी ने इस फैसले को लेकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार को निशाने पर लिया। एलजी वीके सक्सेना ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि दिल्ली फिलहाल इस तरह के प्रतिबंध के लिए तैयार नहीं है। उनका मानना है कि यह फैसला सामाजिक और आर्थिक रूप से लोगों पर अनुचित दबाव बनाएगा।
सीएम सुप्रीम कोर्ट जाने को तैयार
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि दिल्ली सरकार इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी। उनका तर्क है कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं और कोर्ट को यह बताया जाएगा कि एक समान नीति पूरे एनसीआर में लागू होनी चाहिए, जिससे सिर्फ दिल्लीवासी ही बोझ ना उठाएं।
1 नवंबर से लागू होंगे ये जिले:
CAQM ने स्पष्ट कर दिया है कि एक नवंबर से पुराने वाहनों पर कार्रवाई पूरे एनसीआर में शुरू होगी, जिसमें शामिल हैं,
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दिल्ली
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गुरुग्राम
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फरीदाबाद
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नोएडा
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गाजियाबाद
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सोनीपत
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