शिक्षा

शिशु वाटिका की शिक्षण पद्धति 12 व्यवस्थाओं, क्रिया आधारित अनुभव आधारित होनी चाहिए-मंजू श्रीवास्तव

चाईबासा।पद्मावती जैन सरस्वती शिशु मंदिर के भैया बहनों ने बाल वाटिका कार्यक्रम प्रस्तुत किया जिसमें प्रमुख वक्ता के रूप में क्षेत्रीय सह प्रांतीय शिशु वाटिका प्रमुख मंजू श्रीवास्तव दीदी जी उपस्थित रहीं जिन्होंने सभा को संबोधित करते हुए शिशु वाटिका के 12 व्यवस्थाओं एवं स्वर्ण प्राशन के विषय से अवगत कराया।
कक्षा अरुण से कक्षा प्रथम तक के भैया बहनों ने बाल वाटिका कार्यक्रम की प्रस्तुति की।


कार्यक्रम का शुभारंभ माननीया क्षेत्रीय सह प्रांतीय शिशु वाटिका प्रमुख श्रीमती मंजू श्रीवास्तव दीदी जी, विद्यालय प्रबंध कार्यकारिणी समिति के माननीय अध्यक्ष श्रीमान सुनील कुमार सिंह, माननीय सचिव श्रीमान रामस्वरूप पोद्दार, माननीय कोषाध्यक्ष श्रीमती मालती लागुरी सह गुरु मां द्वारा दीप प्रज्जवलन एवं वंदना करके हुआ।


कार्यक्रम का संचालन कक्षा प्रथम के भैया अमित कुमार एवं बहन दिव्यांशी पांडा द्वारा हुआ। नन्हें-मुन्ने भैया बहनों ने दो गीत, दो नृत्य प्रस्तुत किया साथ ही प्रदर्शनी में प्रयोगशाला, चिड़ियाघर और रंगमंच कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। स्थानीय विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती सीमा पालीत गुरु मां ने अतिथि परिचय प्रस्तावना प्रस्तुत की एवं मार्गदर्शन माननीय सचिव श्रीमान रामस्वरूप पोद्दार द्वारा हुआ एवं आशीष वचन माननीय अध्यक्ष श्रीमान सुनील कुमार सिंह ने दिया। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन अंजली बोस दीदी जी द्वारा किया गया। अंत में शांति मंत्र बहन आकांक्षा पिंगुवा द्वारा होकर विद्यालय की छुट्टी हुई।

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