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आशीर्वाद आटा लूटकांड का पर्दाफाश: मास्टरमाइंड समेत 8 आरोपी गिरफ्तार

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रांची: आशीर्वाद आटा के मैनेजर सुमित गुप्ता से 13 लाख रुपये लूटने के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस कांड का मास्टरमाइंड दुकान का ही पूर्व कर्मचारी चंद्रशेखर कुमार सिन्हा निकला, जिसने अपने चार साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया। लूटपाट में शामिल चंद्रशेखर सिन्हा के साथियों में राजेश श्रीवास्तव, संतोष कुमार, कारू सिंह और प्रकाश साव शामिल थे। पुलिस ने इन अपराधियों के साथ-साथ मास्टरमाइंड की पत्नी साधना सिंह उर्फ प्रीति सिन्हा, प्रकाश साव की बहन पूनम देवी, और पत्नी नीलम देवी को भी गिरफ्तार किया है। इन महिलाओं पर लूटे गए पैसे और हथियार छिपाने का आरोप है।

लूटकांड का पूरा घटनाक्रम

30 दिसंबर 2024 को रांची के ओटीसी ग्राउंड के पास मैनेजर सुमित गुप्ता से 13 लाख रुपये लूटे गए थे। बीच-बचाव करने आए स्टार होटल के मैनेजर सुमित कुमार को अपराधियों ने गोली मार दी थी। घटना के बाद पुलिस ने कोतवाली डीएसपी प्रकाश सोय के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया और सीसीटीवी फुटेज खंगालकर आरोपियों की तलाश शुरू की।

4 जनवरी 2025 को पुलिस को सूचना मिली कि संदिग्ध बदमाश रिंग रोड से पिस्का मोड़ की ओर जा रहे हैं। पुलिस ने इटकी रोड दिपाटोली मोड़ पर चेकिंग अभियान चलाया। इसी दौरान एक बाइक पर सवार तीन लोग पुलिस को देखकर भागने लगे। पुलिस ने घेराबंदी कर उन्हें पकड़ लिया। तलाशी में चंद्रशेखर के पास से एक देशी पिस्टल, राजेश श्रीवास्तव के पास से 12 बोर का कट्टा और जिंदा गोलियां बरामद की गईं। पूछताछ के दौरान अपराधियों ने लूटकांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार की।

मास्टरमाइंड का खुलासा

चंद्रशेखर ने बताया कि वह पहले उसी दुकान में काम करता था और वहां की हर गतिविधि से परिचित था। उसने अपने साथियों के साथ मिलकर 2 दिसंबर को लूट की योजना बनाई थी, लेकिन उस दिन वारदात को अंजाम नहीं दिया जा सका। इसके बाद 30 दिसंबर को सटीक योजना के तहत मैनेजर को घात लगाकर लूटा गया।

आरोपियों का आपराधिक इतिहास

पुलिस कप्तान चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि गिरफ्तार राजेश श्रीवास्तव पर रांची और रामगढ़ में 12 मामले दर्ज हैं। चंद्रशेखर के खिलाफ सुखदेवनगर थाने में एक मामला और संतोष कुमार पर रामगढ़ थाने में एक केस दर्ज है।

पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका

इस मामले को सुलझाने में कोतवाली डीएसपी प्रकाश सोय, ट्रेनी डीएसपी दूसरू बान सिंह, इंस्पेक्टर आदिकांत महतो, सुखदेवनगर थानेदार मनोज कुमार, पंडरा ओपी प्रभारी मनोज कुमार, महिला थानेदार रेणुका टुडू समेत अन्य पुलिसकर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

पुलिस की तत्परता और प्रभावी कार्रवाई से इस गंभीर लूटकांड का पर्दाफाश हुआ, जिससे शहरवासियों ने राहत की सांस ली।

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