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Astra Mk-II बनेगी और घातक: DRDO को PL-15 मिसाइल का ‘फॉर्मूला’ मिला, चीन की एडवांस्ड टेक को अपना बनाएगा भारत

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने चीन की उन्नत PL-15 एयर-टू-एयर मिसाइल के तकनीकी रहस्यों को उजागर कर लिया है, जो स्वदेशी Astra Mk-II कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। मई 2025 में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तानी जेट द्वारा दागी गई एक PL-15E मिसाइल विफल होकर भारतीय सीमा में 100 किलोमीटर अंदर गिर गई थी। चूंकि इस मिसाइल में सेल्फ-डिस्ट्रक्ट फीचर नहीं था, इसलिए भारतीय सेना ने इसे सही सलामत बरामद कर DRDO को सौंप दिया। अब इसकी विस्तृत जांच के बाद DRDO ने PL-15 की श्रेष्ठ विशेषताओं—जैसे उन्नत रडार टेक्नोलॉजी और डुअल-पल्स रॉकेट मोटर—को Astra Mk-II में शामिल करने का फैसला किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे Astra-II की रेंज 160 किलोमीटर से अधिक हो जाएगी, जो पाकिस्तान और चीन की हवाई चुनौतियों का मुंहतोड़ जवाब बनेगी।

PL-15E की रिकवरी और DRDO का एनालिसिस

ऑपरेशन सिंदूर—जो भारत की सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई थी—के दौरान पाकिस्तान ने चीन निर्मित PL-15E मिसाइल का इस्तेमाल किया। यह मिसाइल JF-17 या J-10C फाइटर से दागी गई थी, लेकिन टारगेट हिट करने में नाकाम रही। DRDO के वैज्ञानिकों ने इसका फोरेंसिक परीक्षण किया, जिसमें पाया गया कि PL-15 की AESA (एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे) रडार और डुअल-पल्स मोटर जैसी तकनीकें उन्नत हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “PL-15E की खासियतें—जैसे बेहतर जामिंग रेसिस्टेंस और लंबी रेंज—को Astra Mk-II में इंटीग्रेट किया जाएगा।” हालांकि, DRDO ने स्पष्ट किया कि PL-15E को लेकर चीन के दावे अतिरंजित हैं; यह Astra Mk-II और आगामी Mk-III से कमतर साबित हुई। PL-15 की रेंज 145-200 किलोमीटर बताई जाती है, लेकिन रिकवर मॉडल में कई कमियां मिलीं।

6000 किमी/घंटा स्पीड, जामिंग से मुक्ति

Astra Mk-II पहले से ही एक उन्नत BVR (बियॉन्ड विजुअल रेंज) मिसाइल है, जो Su-30MKI, Tejas और MiG-29 जैसे प्लेटफॉर्म्स पर तैनात होगी। PL-15 के ‘फॉर्मूले’ से इसमें ये अपग्रेड्स आएंगे:

  • रेंज और स्पीड: 160+ किमी रेंज, मच 4.5 (लगभग 6000 किमी/घंटा) की टॉप स्पीड।
  • रडार टेक्नोलॉजी: AESA सीकर से दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेजर्स को चकमा देगी।
  • डुअल-पल्स मोटर: दो चरणों वाली रॉकेट मोटर से मिड-फ्लाइट में एक्सीलरेशन, जो टारगेट को चूके बिना लॉक रखेगी।
  • वॉरहेड: 15 किग्रा हाई-एक्सप्लोसिव प्रे-फ्रैगमेंटेड वॉरहेड, प्रॉक्सिमिटी फ्यूज के साथ।

DRDO ने 2023 में Astra Mk-II के लिए डुअल-पल्स मोटर्स का टेंडर जारी किया था, और अब PL-15 के इनसाइट्स से टेस्टिंग तेज हो जाएगी। हाल ही में ओडिशा तट से Su-30MKI पर Astra के ट्रायल सफल रहे, जो Mk-II के लिए अच्छा संकेत हैं।

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यह विकास भारत की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को मजबूत करेगा। PL-15E का एनालिसिस न केवल Astra को सुपीरियर बनाएगा, बल्कि पाकिस्तान की हथियार खरीद पर भी नजर रखेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाक PL-17 मिसाइलें और तुर्की के ड्रोन खरीदने की फिराक में है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को ‘इंडिजेनाइजेशन का बेहतरीन उदाहरण’ बताया। आने वाले वर्षों में Astra Mk-III—जो SFDR (सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट) पर आधारित होगी—क्रिकेट जैसी मिसाइलों को पीछे छोड़ देगी।

Vaibhav tiwari
Author: Vaibhav tiwari

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