Jharkhand News: झारखंड में भारी बारिश, इटखोरी में बाढ़ का कहर, घरों में घुसा पानी, लोग छतों पर शरण लिए
चतरा जिले के इटखोरी में मूसलाधार बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति, ग्रामीणों को राहत सामग्री की जरूरत

Jharkhand News: झारखंड के चतरा जिले के इटखोरी में लगातार हो रही भारी बारिश ने बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर दी है। मंगलवार रात से शुरू हुई मूसलाधार बारिश के कारण कई गांवों में पानी भर गया है। घरों, गलियों और खेतों में पानी घुसने से लोगों का जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। कई परिवार अपने घरों की छतों पर शरण लेने को मजबूर हैं। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि मदद अभी तक पर्याप्त नहीं पहुंची है।
बाढ़ से प्रभावित गांव और लोगों की स्थिति
इटखोरी के निचले इलाकों में पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है। गांवों जैसे पिपराही, करमाही और बकसौर में सड़कें और घर पूरी तरह जलमग्न हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, कई घरों में 3 से 4 फीट तक पानी भर गया है, जिससे सामान, अनाज और जरूरी चीजें बर्बाद हो गई हैं। लोग अपने बच्चों और बुजुर्गों को लेकर छतों पर या ऊंचे स्थानों पर रात गुजार रहे हैं। बिजली और पानी की आपूर्ति भी ठप हो गई है, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है।
प्रशासन के प्रयास और ग्रामीणों की मांग
जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू किए हैं। एनडीआरएफ की टीमें कुछ गांवों में पहुंची हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का काम कर रही हैं। अस्थायी राहत शिविर भी बनाए गए हैं, जहां भोजन और पानी की व्यवस्था की जा रही है। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि राहत सामग्री और बचाव दल समय पर नहीं पहुंच रहे। उन्होंने सरकार से तत्काल भोजन, दवाइयां और शुद्ध पेयजल की मांग की है।
बाढ़ का असर और भविष्य की चिंता
स्थानीय किसानों को भारी नुकसान हुआ है, क्योंकि खेतों में खड़ी फसलें पानी में डूब गई हैं। बारिश का सिलसिला जारी रहने की आशंका है, जिससे बाढ़ की स्थिति और बिगड़ सकती है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। ग्रामीणों ने सरकार से मुआवजे और पुनर्वास की मांग की है ताकि वे इस आपदा से उबर सकें।
लोगों से अपील
प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों के पास न जाने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। आपदा प्रबंधन विभाग ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, जिन पर लोग मदद मांग सकते हैं। यह मुश्किल घड़ी में सभी को एकजुट होकर सहायता करने की जरूरत है।