23 महीने बाद जेल से बाहर आए आजम खान, रामपुर में कहा- ‘जिंदा आ गया हूं, गाजी हूं’

रामपुर: समाजवादी पार्टी (एसपी) के वरिष्ठ नेता आजम खान 23 महीने की जेल अवधि के बाद आज जेल से बाहर आ गए। रामपुर पहुँचते ही उन्होंने अपने समर्थकों से कहा, “मैं कहा करता था जिंदा आएंगे तो गाजी होंगे और अगर जनाजा आएगा तो शहीद कहलाएंगे। आप सब के बीच में मैं जिंदा आ गया हूं।” आजम खान का यह बयान न सिर्फ उनकी वापसी का संदेश था, बल्कि राजनीतिक हलकों में कई सवाल भी खड़े कर गया।
आजम खान ने जेल से बाहर आते ही अपने पुराने बेबाक और आक्रामक अंदाज में भाषण शुरू किया। उन्होंने मज़ाकिया लहजे में कहा कि उन्हें केवल “टूटी हुई एस्केलेटर और खराब व्यवस्था” ही मिली, लेकिन इसका असर उनके आत्मविश्वास पर नहीं पड़ा। उनका यह बयान एसपी के अंदर चल रही चर्चाओं और पार्टी के भविष्य को लेकर सवाल खड़ा करता है।
हालांकि एसपी सुप्रीमो और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने आजम खान की रिहाई पर विशेष टिप्पणी की, लेकिन पार्टी के किसी बड़े नेता को उनके काफिले में नहीं देखा गया। शिवपाल यादव ने आजम खान को “सच्चा समाजवादी” बताते हुए कहा कि वह कभी पार्टी नहीं छोड़ेंगे।
आजम खान और मुस्लिम वोट बैंक
उत्तर प्रदेश की राजनीति में आजम खान की भूमिका अहम रही है। वह मुस्लिम वोटों के एक बड़े नेता माने जाते हैं और रामपुर-मुरादाबाद क्षेत्र में उनका प्रभाव समाजवादी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है। अगर आजम खान समाजवादी पार्टी से अलग होते हैं, तो मुस्लिम वोटों का बंटवारा हो सकता है, जिससे बीजेपी को आगामी विधानसभा चुनाव में फायदा मिल सकता है।
आजम खान की रिहाई ने यूपी की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। उनके समाजवादी पार्टी से अलग होने की स्थिति में न केवल पार्टी के लिए नुकसान होगा, बल्कि यह सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए 2027 में सत्ता में वापसी का रास्ता आसान कर सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, आजम खान की स्थिति ‘गाजी’, यानी योद्धा के रूप में, आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।



