Bihar Chunav 2025: चुनाव आयोग के नोटिस का कोई मतलब नहीं', 2 वोटर आईडी मामले पर बोले प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने उन पर दो वोटर आईडी रखने के आरोपों पर कहा कि 2021 से उनका वोटर आईडी बिहार के करगहर में है और उन्होंने बंगाल की आईडी रद्द करने का आवेदन पहले ही दे दिया था।
Bihar Chunav 2025: जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर (PK) ने दो राज्यों (बिहार और पश्चिम बंगाल) की मतदाता सूची में नाम होने के आरोपों पर चुनाव आयोग द्वारा जारी नोटिस पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस नोटिस को ज्यादा तवज्जो न देते हुए कहा कि इसका उनके लिए कोई लेना-देना नहीं है और उन्होंने उल्टे चुनाव आयोग की मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया (SIR) पर ही सवाल खड़े कर दिए।
क्या कहा प्रशांत किशोर ने?
प्रशांत किशोर ने आरोपों पर सफाई देते हुए कहा, “मैं 2019 से बिहार की करगहर विधानसभा क्षेत्र का मतदाता हूं। दो साल तक, जब मैं कोलकाता में था, मैंने वहां अपना मतदाता पहचान पत्र बनवाया था। 2021 से मेरा मतदाता पहचान पत्र करगहर विधानसभा क्षेत्र का है।”
उन्होंने चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा, अगर चुनाव आयोग कह रहा है कि मेरा नाम दो जगहों पर मतदाता के रूप में दर्ज है, तो बिहार में एसआईआर (SIR) हुआ, ऐसे में मेरा नाम कैसे नहीं काटा गया? वे एसआईआर का इस्तेमाल करके सबको परेशान क्यों कर रहे हैं?
क्या हैं पीके पर आरोप?
प्रशांत किशोर पर आरोप है कि उनका नाम दो अलग-अलग राज्यों-बिहार (करगहर विधानसभा) और पश्चिम बंगाल-की वोटर लिस्ट में दर्ज है, जो कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के तहत प्रतिबंधित है। इसी मामले को लेकर चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी कर तीन दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है।
जन सुराज पार्टी ने भी दी सफाई
इस मामले पर जन सुराज पार्टी की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है। पार्टी प्रवक्ता सौरभ सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर ने पश्चिम बंगाल वाली वोटर आईडी को रद्द कराने के लिए पहले ही आवेदन दे दिया था, लेकिन चुनाव आयोग की प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हुई है।
उन्होंने स्पष्ट किया, 2021 में जब प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में काम कर रहे थे, तब उन्होंने वहां वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराया था। अगर कोई व्यक्ति अपने काम या व्यवसाय के लिए किसी दूसरे राज्य में रहता है, तो वह वहां वोटर लिस्ट में नाम जुड़वा सकता है।



