
Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र में विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्षी इंडिया गठबंधन ने जोरदार हंगामा किया। मंगलवार, 23 जुलाई 2025 को राजद, कांग्रेस और वामदल के विधायकों ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की, लेकिन सरकार ने इसे अनदेखा किया। नाराज विधायकों ने काले कपड़े पहनकर विरोध जताया और विधानसभा से वॉकआउट कर दिया। यह घटना बिहार की सियासत में बड़ा मुद्दा बन गई है।
SIR पर क्यों है विवाद?
विपक्ष का आरोप है कि चुनाव आयोग का SIR प्रोग्राम गरीब, दलित और प्रवासी मजदूरों के वोटिंग अधिकार छीनने की साजिश है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा, “SIR की प्रक्रिया गलत है। आधार और राशन कार्ड जैसे जरूरी दस्तावेजों को मान्य नहीं किया जा रहा।” उन्होंने यह भी पूछा कि चुनाव आयोग को 11 खास दस्तावेज मांगने का अधिकार कौन देता है? विपक्ष का कहना है कि यह प्रक्रिया नीतीश कुमार की एनडीए सरकार के इशारे पर हो रही है।
विधानसभा में हंगामा और वॉकआउट
मंगलवार को विधानसभा शुरू होते ही विपक्षी विधायकों ने SIR के खिलाफ नारे लगाए और सदन में चर्चा की मांग की। राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा, “नीतीश सरकार विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है।” विधायकों ने मुख्य द्वार जाम कर दिया, जिसके बाद पुलिस और विधायकों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। जब स्पीकर नंद किशोर यादव ने चर्चा की अनुमति नहीं दी, तो राजद, कांग्रेस और वामदल के विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर लिया।
Bihar Chunav 2025: इंडिया गठबंधन की रणनीति
इंडिया गठबंधन, जिसमें राजद, कांग्रेस और वामदल शामिल हैं, ने SIR को ‘लोकतंत्र पर हमला’ बताया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी पार्टी पूरे बिहार में इसके खिलाफ प्रदर्शन करेगी। राहुल गांधी और अन्य इंडिया गठबंधन के नेता भी इस मुद्दे पर सड़क से लेकर संसद तक विरोध कर रहे हैं। विपक्ष का दावा है कि SIR से लाखों गरीब वोटरों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं।
सरकार और चुनाव आयोग का जवाब
चुनाव आयोग का कहना है कि SIR से मतदाता सूची को साफ और सटीक किया जा रहा है। आयोग ने बताया कि 96.23% वोटरों का सत्यापन हो चुका है। हालांकि, विपक्ष का कहना है कि यह प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है। बीजेपी नेता रवि शंकर प्रसाद ने इसे सामान्य प्रक्रिया बताया और विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाया।