
Bihar Election 2025: बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने पटना में एक उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को चुनाव की तैयारियों को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इस बार चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए कई नए कदम उठाए जा रहे हैं, जिसमें ई-वोटिंग और तकनीकी सुधार शामिल हैं। बिहार के 243 विधानसभा सीटों पर होने वाले इस चुनाव में हर मतदाता की भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया जा रहा है।
ई-वोटिंग और मतदाता सुविधाएं
मुख्य सचिव ने बताया कि बिहार में पहली बार नगर निकाय चुनाव में ई-वोटिंग की सुविधा शुरू की गई है, और इसे विधानसभा चुनाव में भी लागू करने की योजना है। प्रवासी और गर्भवती महिलाओं के लिए मोबाइल से वोटिंग की व्यवस्था होगी, जिसके लिए 22 जून तक पंजीकरण कराना जरूरी है। इससे मतदान प्रक्रिया को और आसान बनाया जाएगा। इसके अलावा, मतदाता सूची को अपडेट करने और नए मतदाताओं को जोड़ने का काम तेजी से चल रहा है।
ईवीएम और बूथों की तैयारी
चुनाव के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की जांच शुरू हो चुकी है। पटना जिला निर्वाचन कार्यालय ने विशेषज्ञों की टीम बनाई है, जो 31 मई तक ईवीएम और वीवीपैट की तकनीकी जांच पूरी करेगी। बूथों की संख्या भी बढ़ाई गई है। पहले एक बूथ पर 1500 मतदाता थे, लेकिन अब इसे घटाकर 1200 कर दिया गया है। इससे बिहार में बूथों की संख्या 77,895 से बढ़कर लगभग 92,000 हो जाएगी। यह कदम मतदान को और सुगम बनाएगा।
पारदर्शिता और सुरक्षा पर जोर
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि चुनाव में पारदर्शिता और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाए। सभी बूथों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होगी, और फर्जी वोटिंग को रोकने के लिए विशेष निगरानी की जाएगी। इसके लिए पुलिस और प्रशासन को पहले से ही अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है। साथ ही, मतदाताओं को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जाएंगे, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग वोट डालने आएं।
Bihar Election 2025: जनता की अपेक्षाएं
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में बेरोजगारी, शिक्षा, और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दे अहम रहेंगे। मतदाता ऐसी सरकार चुनना चाहते हैं जो उनकी रोजमर्रा की समस्याओं का समाधान करे। मुख्य सचिव ने कहा कि मतदाताओं का भरोसा जीतने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। मुख्य सचिव के निर्देशों से यह साफ है कि इस बार चुनाव को और अधिक निष्पक्ष, पारदर्शी, और सुगम बनाने की कोशिश हो रही है। मतदाताओं की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि बिहार की जनता अपने वोट की ताकत से बेहतर भविष्य चुन सके।