
Bihar Election News: बिहार में विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सियासी बवाल बढ़ता जा रहा है। नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के सांसद गिरधारी यादव ने चुनाव आयोग पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि SIR की प्रक्रिया को बिना सोचे-समझे बिहार पर जबरदस्ती थोप दिया गया। यह बयान 23 जुलाई 2025 को दिल्ली में दिया गया। गिरधारी ने इसे ‘तुगलकी फरमान’ करार देते हुए कहा कि इससे बिहार की जनता को परेशानी हो रही है।
SIR पर गिरधारी यादव का गुस्सा
गिरधारी यादव ने कहा कि चुनाव आयोग को बिहार के इतिहास और भूगोल की जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि उन्हें खुद दस्तावेज जुटाने में 10 दिन लगे। उनके बेटे अमेरिका में रहते हैं, जो एक महीने में हस्ताक्षर कैसे करेंगे? सांसद ने सवाल उठाया कि इतने कम समय में लोग जरूरी कागजात कैसे जमा करेंगे। उन्होंने मांग की कि SIR के लिए कम से कम 6 महीने का समय दिया जाना चाहिए था।
विपक्ष ने भी किया है विरोध
RJD, कांग्रेस और वामदल वाले इंडिया गठबंधन ने SIR को ‘वोटरों के अधिकार छीनने की साजिश’ बताया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि यह प्रक्रिया गरीब, दलित और प्रवासी मजदूरों को वोट देने से रोक सकती है। उन्होंने इसे ‘बैकडोर NRC’ करार दिया। सुप्रीम कोर्ट में भी इसकी सुनवाई चल रही है, जहां कोर्ट ने पूछा कि इतने कम समय में लोग दस्तावेज कैसे जुटाएंगे।
Bihar Election News: चुनाव आयोग का जवाब
चुनाव आयोग ने कहा कि SIR से मतदाता सूची को साफ किया जा रहा है। इससे मृत, स्थानांतरित और डुप्लिकेट वोटरों के नाम हटाए जाएंगे। आयोग का दावा है कि 80% से ज्यादा वोटरों ने फॉर्म जमा कर दिए हैं। हालांकि, विपक्ष का कहना है कि यह प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है और इससे लाखों लोग वोट देने से वंचित हो सकते हैं।
बिहार की सियासत में हलचल
गिरधारी यादव ने कहा कि यह उनकी निजी राय है, न कि पार्टी की। लेकिन उनका बयान जेडीयू और बीजेपी गठबंधन के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले SIR का यह विवाद सियासी माहौल को और गरमा रहा है। जनता में भी इसे लेकर चिंता बढ़ रही है, खासकर उन लोगों में जो दस्तावेज जुटाने में असमर्थ हैं।