Bihar News: नीतीश का डबल दिवाली धमाका, 25 लाख महिलाओं के खाते में फिर भेजे 10,000 रुपये
नीतीश सरकार का बड़ा चुनावी दांव, महिला रोजगार योजना की दूसरी किस्त जारी, एक हफ्ते में 20,000 की मदद।

Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला वोट बैंक को साधने के लिए अपना सबसे बड़ा और आखिरी दांव चल दिया है। ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ के तहत पहली किस्त के 10,000 रुपये भेजने के ठीक एक हफ्ते बाद, आज शुक्रवार 3 अक्टूबर को, नीतीश सरकार ने इसी योजना की दूसरी किस्त के रूप में 10,000 रुपये और जारी कर दिए हैं। एक हफ्ते के भीतर 25 लाख महिलाओं के खातों में कुल 20,000 रुपये की सीधी आर्थिक मदद भेजकर, एनडीए सरकार ने विपक्ष के होश उड़ा दिए हैं।
एक हफ्ते में 20,000 रुपये, सीधे बैंक खाते में
यह बिहार के इतिहास में पहली बार है जब किसी सरकार ने इतने बड़े पैमाने पर और इतनी तेजी से सीधी नकद राशि लाभार्थियों के खाते में भेजी है। पिछले शुक्रवार (26 सितंबर) को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना का शुभारंभ करते हुए 10,000 रुपये की पहली किस्त जारी की थी। अब, ठीक सात दिन बाद, राज्य सरकार ने अपने खजाने से 10,000 रुपये की दूसरी किस्त भी जारी कर दी है। इस तरह, चुनाव की घोषणा से पहले ही राज्य की 25 लाख महिलाओं के खाते में 20,000 रुपये पहुंच चुके हैं।
Bihar News: क्या है ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’?
‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ का मुख्य उद्देश्य राज्य की महिलाओं, विशेषकर ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि की महिलाओं को, स्वरोजगार (self-employment) के लिए प्रोत्साहित करना है। इस योजना के तहत, सरकार महिलाओं को अपना छोटा-मोटा व्यवसाय (जैसे सिलाई-कढ़ाई, दुकान, पशुपालन) शुरू करने के लिए शुरुआती पूंजी (seed money) के रूप में यह वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। इस योजना का क्रियान्वयन जीविका मिशन के माध्यम से किया जा रहा है और जीविका दीदियों को इसमें प्राथमिकता दी जा रही है।
चुनावी रेवड़ी’ या ‘महिला सशक्तिकरण’? विपक्ष ने उठाए सवाल
नीतीश सरकार के इस कदम पर विपक्षी महागठबंधन ने तीखा हमला बोला है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इसे “खुली चुनावी रिश्वत” और “आचार संहिता का मजाक” बताया है। विपक्ष का आरोप है कि जो सरकार साढ़े चार साल तक सोती रही, वह अब चुनाव आते ही पैसों का लालच देकर वोट खरीदने की कोशिश कर रही है। विपक्ष ने इस मामले की चुनाव आयोग से शिकायत करने की भी बात कही है।
साइलेंट वोटर पर NDA का पूरा भरोसा
वहीं, एनडीए इस कदम को महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बता रहा है। जेडीयू और बीजेपी का कहना है कि यह कोई रेवड़ी नहीं, बल्कि बिहार की माताओं-बहनों को आत्मनिर्भर बनाने का एक जरिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह डबल धमाका नीतीश कुमार का मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकता है। महिलाएं बिहार में नीतीश कुमार का सबसे मजबूत और साइलेंट वोट बैंक रही हैं, और यह सीधी माली मदद इस वोट बैंक को और भी मजबूती से एनडीए के पक्ष में लामबंद कर सकती है।