Bihar News: बिहार में शिक्षा भगवान के भरोसे, सीतामढ़ी में 579 बच्चों का भविष्य सिर्फ एक शिक्षक पर
बिहार के सीतामढ़ी में मध्य विद्यालय खाप खोपड़ाहा में 579 बच्चों की पढ़ाई एकमात्र शिक्षक सुनील कुमार पर, शिक्षक कमी से भविष्य खतरे में, शिक्षा विभाग पर दबाव।

Bihar News: बिहार के सीतामढ़ी जिले में शिक्षा व्यवस्था की बदहाली का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जागरण की खबर के अनुसार, रीगा प्रखंड के मध्य विद्यालय खाप खोपड़ाहा में 579 बच्चों की पढ़ाई सिर्फ एक शिक्षक के जिम्मे है। यह स्थिति बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी को दर्शाती है। यह खबर शिक्षा विभाग के लिए बड़ा सवाल खड़ा करती है कि आखिर इतने बच्चों का भविष्य कैसे एक अकेले शिक्षक पर निर्भर हो सकता है?
स्कूल में सिर्फ एक शिक्षक, पढ़ाई पर असर
मध्य विद्यालय खाप खोपड़ाहा में कक्षा 1 से 8 तक कुल 579 बच्चे पढ़ते हैं। लेकिन इन बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ एक शिक्षक, सुनील कुमार, मौजूद हैं। स्कूल में छह शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन पांच पद खाली पड़े हैं। सुनील कुमार अकेले ही सभी विषयों और कक्षाओं को पढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है। कई बार कक्षाएं बिना शिक्षक के ही चलती हैं, जिससे बच्चों का भविष्य खतरे में है।
Bihar News: अभिभावकों और बच्चों में निराशा
स्कूल में शिक्षकों की कमी से अभिभावक और बच्चे परेशान हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार शिक्षा सुधार की बात तो करती है, लेकिन हकीकत में स्कूलों की हालत सुधर नहीं रही। अभिभावकों का गुस्सा बढ़ रहा है, क्योंकि उनके बच्चों को ठीक से पढ़ाई नहीं मिल पा रही। कई बच्चे स्कूल आने के बावजूद बिना पढ़े घर लौट जाते हैं। यह स्थिति सीतामढ़ी के अन्य स्कूलों में भी देखने को मिल रही है, जहां शिक्षकों की कमी आम बात है।
शिक्षा विभाग से जवाब की मांग
स्थानीय लोगों और अभिभावकों ने शिक्षा विभाग से इस मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर जल्दी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई, तो बच्चों का भविष्य अंधकार में चला जाएगा। बिहार सरकार ने हाल ही में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू की है, लेकिन सीतामढ़ी जैसे जिलों में अभी तक इसका असर नहीं दिखा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही खाली पदों को भरा जाएगा, लेकिन अभिभावकों का धैर्य अब जवाब दे रहा है।