Bihar News: बिहार के सब्जी किसानों के लिए नीतीश कुमार का बड़ा ऐलान, हर प्रखंड में खुलेंगे सब्जी संग्रह केंद्र
सब्जी किसानों के लिए नीतीश कुमार का बड़ा ऐलान, हर ब्लॉक में खुलेंगे संग्रहण केंद्र, औने-पौने दाम पर बिक्री रुकेगी।
Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के लाखों सब्जी उत्पादक किसानों को एक बड़ी सौगात दी है। पटना में एक कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सरकार जल्द ही राज्य के हर प्रखंड (ब्लॉक) में ‘सब्जी संग्रह एवं प्रसंस्करण केंद्र’ की स्थापना करेगी, इस योजना का शुभारंभ करते हुए। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सब्जी किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना और फसल की बर्बादी को रोकना है। इसे चुनाव से पहले किसानों को साधने के लिए एनडीए सरकार का एक बड़ा ‘मास्टरस्ट्रोक’ माना जा रहा है।
क्यों पड़ी इस योजना की जरूरत?
बिहार देश के प्रमुख सब्जी उत्पादक राज्यों में से एक है, लेकिन यहां स्टोरेज और प्रसंस्करण (processing) सुविधाओं की भारी कमी है। इसके कारण, हर साल लाखों टन सब्जी बर्बाद हो जाती है। किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि वे अपनी उपज (जैसे टमाटर, गोभी, लौकी) को लंबे समय तक स्टोर नहीं कर पाते। फसल तैयार होते ही, उन्हें इसे बाजार में बेचना पड़ता है। इस मजबूरी का फायदा स्थानीय बिचौलिए और आढ़ती उठाते हैं, जो किसानों से औने-पौने दाम पर सब्जियां खरीदकर बड़े शहरों में ऊंचे दामों पर बेचते हैं। कोल्ड स्टोरेज के अभाव में, किसान अपनी फसल को बचाने के लिए अक्सर घाटे का सौदा करने पर मजबूर हो जाते हैं।
कैसे काम करेंगे ये संग्रह केंद्र?
नीतीश कुमार की इस नई योजना के तहत, बिहार के सभी 534 प्रखंडों में चरणबद्ध तरीके से सब्जी संग्रह एवं प्रसंस्करण केंद्रों का निर्माण किया जाएगा।
सीधी खरीद: किसान अपनी सब्जियों को सीधे इन सरकारी केंद्रों पर बेच सकेंगे। इससे बिचौलियों की भूमिका पूरी तरह खत्म हो जाएगी और किसानों को उनकी उपज का सही और तत्काल भुगतान मिलेगा।
कोल्ड स्टोरेज की सुविधा: इन केंद्रों पर बड़े-बड़े कोल्ड स्टोरेज बनाए जाएंगे, जहां सब्जियों को वैज्ञानिक तरीके से लंबे समय तक ताजा रखा जा सकेगा। इससे बाजार में मांग कम होने पर भी किसानों को अपनी फसल फेंकनी नहीं पड़ेगी।
प्रसंस्करण और वैल्यू एडिशन: इन केंद्रों पर सब्जियों की ग्रेडिंग, पैकेजिंग और प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग) के लिए छोटी-छोटी यूनिट्स भी लगाई जाएंगी। जैसे, टमाटर से सॉस और प्यूरी बनाना, आलू से चिप्स बनाना, या सब्जियों को फ्रोजन करना। इससे सब्जियों का ‘वैल्यू एडिशन’ होगा और किसानों को और भी बेहतर दाम मिलेंगे।
बाजार से जुड़ाव: ये केंद्र सीधे बड़े शहरी बाजारों, सुपरमार्केट चेन्स और फूड प्रोसेसिंग कंपनियों से जुड़े होंगे, जिससे किसानों की उपज को एक बड़ा और सुनिश्चित बाजार मिलेगा।
चुनाव से पहले किसानों पर एनडीए का बड़ा दांव
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब चुनाव आयोग जल्द ही चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह योजना सीधे तौर पर बिहार के एक बहुत बड़े और प्रभावशाली वोट बैंक, यानी किसान समुदाय, को साधने की एक बड़ी कोशिश है। यह योजना विपक्ष, खासकर आरजेडी, के उन आरोपों का भी एक जवाब है, जिसमें वे सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते रहे हैं। ‘हर प्रखंड में सब्जी संग्रह केंद्र’ का यह नारा एनडीए के ‘विकास’ और ‘किसान-कल्याण’ के एजेंडे को जमीन पर मजबूती देगा।



