
Bihar News: बिहार में एक बार फिर सियासी हलचल मच गई है। पटना हाईकोर्ट ने राज्य के सभी डीसीएलआर (DCLR) को उनके पद से हटाने का आदेश दे दिया है। कोर्ट ने बिहार सरकार को इस मामले में तीन महीने का समय दिया है। यह निर्णय CWJC वाद संख्या 5902/2024 के अंतर्गत लिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप बिहार के राजस्व और भूमि सुधार विभाग में व्यापक बदलाव की संभावना जताई जा रही है। इस खबर ने प्रशासनिक क्षेत्रों में जोरदार चर्चा शुरू कर दी है।
पटना हाईकोर्ट का सख्त रुख
पटना हाईकोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा है कि बिहार सरकार को जल्द से जल्द सभी डीसीएलआर को उनके पद से हटा कर बिहार राजस्व सेवा के अधिकारियों को इन पदों पर नियुक्त करना होगा। कोर्ट ने यह आदेश इसलिए दिया, क्योंकि मौजूदा डीसीएलआर की नियुक्ति में नियमों का पालन नहीं हुआ था। यह आदेश बिहार के राजस्व और भूमि सुधार विभाग के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
तीन महीने की मोहलत, क्या होगा अब?
हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को इस आदेश को लागू करने के लिए तीन महीने का समय दिया है। इसका मतलब है कि सितंबर 2025 तक सभी डीसीएलआर को हटाकर नए अधिकारियों की नियुक्ति करनी होगी। इस दौरान सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि नियुक्ति प्रक्रिया पारदर्शी और नियमों के अनुसार हो। यह फैसला बिहार के प्रशासनिक ढांचे में सुधार लाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
जनता और प्रशासन पर असर
डीसीएलआर बिहार में राजस्व और भूमि से जुड़े मामलों को देखते हैं। उनकी भूमिका जमीन विवाद, राजस्व रिकॉर्ड और भूमि सुधार जैसे महत्वपूर्ण कामों में होती है। इस आदेश के बाद आम जनता को उम्मीद है कि अब इन मामलों में पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार कम होगा। हालांकि, इस बदलाव के दौरान कुछ समय के लिए प्रशासनिक कामकाज में देरी हो सकती है।
सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार
अभी तक बिहार सरकार की ओर से इस फैसले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही इस आदेश को लागू करने की दिशा में काम शुरू करेगी। राजस्व और भूमि सुधार विभाग के अधिकारी भी इस मामले पर नजर रखे हुए हैं।
हाईकोर्ट का यह फैसला महत्वपूर्ण
पटना हाईकोर्ट का यह फैसला बिहार के प्रशासनिक सिस्टम में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अगर सरकार समय पर इस आदेश को लागू कर लेती है, तो इससे न सिर्फ प्रशासनिक कामकाज में सुधार होगा, बल्कि जनता का भरोसा भी बढ़ेगा। लेकिन अगर देरी हुई, तो यह मामला और जटिल हो सकता है।