Bihar News: बिहार में शिक्षकों की हाजिरी के लिए नई व्यवस्था, टैब से होगी निगरानी
बिहार के सरकारी स्कूलों में टैब से शिक्षक-छात्रों की हाजिरी की निगरानी, बायोमेट्रिक सिस्टम के साथ शिक्षा में सुधार और पारदर्शिता का लक्ष्य।

Bihar News: बिहार के सरकारी स्कूलों में अब शिक्षकों और बच्चों की हाजिरी पर कड़ी नजर रखी जाएगी। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने 24 जुलाई 2025 को एक नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत हर स्कूल को दो-दो टैब दिए जाएंगे, जिनसे शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति दर्ज होगी। यह कदम बिहार में शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है। इस नई व्यवस्था से स्कूलों में अनुशासन बढ़ेगा और पढ़ाई का स्तर सुधरेगा।
टैब से होगी हाजिरी की निगरानी
नई गाइडलाइन के अनुसार, बिहार के सभी सरकारी स्कूलों में टैब के जरिए हाजिरी दर्ज की जाएगी। इन टैब्स में एक खास ऐप होगा, जिससे शिक्षकों और बच्चों की उपस्थिति की जानकारी सीधे शिक्षा विभाग तक पहुंचेगी। हर स्कूल में दो टैब होंगे, एक शिक्षकों के लिए और दूसरा छात्रों के लिए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी शिक्षक या छात्र बिना हाजिरी के स्कूल से गायब न रहे। यह व्यवस्था पारदर्शिता लाने और फर्जी हाजिरी को रोकने के लिए शुरू की गई है।
बायोमेट्रिक सिस्टम भी लागू
इससे पहले, मई 2025 में शिक्षा विभाग ने बायोमेट्रिक सिस्टम लागू किया था, जिसमें छात्रों की हाजिरी के साथ उनकी तस्वीर भी ली जाती थी। अब टैब आधारित निगरानी सिस्टम इसे और मजबूत करेगा। शिक्षा विभाग का कहना है कि यह कदम स्कूलों में नियमितता और अनुशासन को बढ़ावा देगा। साथ ही, यह सुनिश्चित करेगा कि शिक्षक समय पर स्कूल पहुंचें और पढ़ाई ठीक ढंग से हो।
Bihar News: शिक्षा व्यवस्था में सुधार का लक्ष्य
बिहार शिक्षा विभाग लगातार स्कूलों की पढ़ाई को बेहतर बनाने के लिए कदम उठा रहा है। इस नई व्यवस्था से न केवल हाजिरी की सटीक जानकारी मिलेगी, बल्कि शिक्षकों की जवाबदेही भी बढ़ेगी। पहले भी ऑनलाइन हाजिरी में गड़बड़ी की शिकायतें आई थीं, जिसके बाद विभाग ने सख्ती बर Georgia थी। अब टैब और बायोमेट्रिक सिस्टम से फर्जीवाड़े पर पूरी तरह रोक लगाने की तैयारी है।
शिक्षकों और बच्चों के लिए फायदा
यह नई व्यवस्था बिहार के लाखों बच्चों और शिक्षकों के लिए फायदेमंद होगी। टैब से हाजिरी दर्ज होने से समय की बचत होगी और स्कूलों में पढ़ाई का माहौल बेहतर होगा। बिहार सरकार का यह प्रयास शिक्षा में डिजिटल तकनीक को बढ़ावा देने और सुशासन लाने की दिशा में बड़ा कदम है।