Bihar SIR Update: सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत, 1 सितंबर के बाद भी वोटर लिस्ट में सुधार की अनुमति
सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर के बाद भी वोटर लिस्ट सुधार की अनुमति दी, 65 लाख नाम हटाने पर राहत, पारदर्शिता और लोकतंत्र को मजबूती।

Bihar SIR Update: पटना, बिहार में विशेष गहन संशोधन (SIR) के तहत वोटर लिस्ट सुधार की प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 1 सितंबर की समय सीमा के बाद भी वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने या सुधार के लिए दावे और आपत्तियां स्वीकार की जाएंगी। यह खबर बिहार के उन लाखों लोगों के लिए राहत भरी है, जिनके नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए हैं।
निर्वाचन आयोग (ECI) ने कोर्ट को बताया कि वैध आवेदनों पर विचार अंतिम नामांकन तिथि तक जारी रहेगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी पात्र मतदाता वोट देने से वंचित न रहे। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि समय सीमा बढ़ाने से प्रक्रिया अनिश्चितकाल तक नहीं खिंचेगी।
Bihar SIR Update: वोटर लिस्ट में सुधार का मौका
सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों से कहा कि वे अपने बूथ-स्तरीय एजेंट्स के जरिए लोगों की मदद करें। ECI के मुताबिक, बिहार में 7.24 करोड़ मतदाताओं में से 99.5% ने अपनी पात्रता के दस्तावेज जमा कर दिए हैं। बाकी बचे लोगों को सात दिनों के भीतर नोटिस भेजा जा रहा है। कोर्ट ने यह भी सुनिश्चित किया कि आधार कार्ड और अन्य 11 दस्तावेजों को स्वीकार किया जाए, ताकि प्रक्रिया आसान हो।
Bihar SIR Update: क्यों जरूरी है यह फैसला?
यह आदेश इसलिए अहम है क्योंकि बिहार में 65 लाख मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से हटाए गए थे, जिसे लेकर विपक्ष ने बड़े पैमाने पर विरोध किया था। कोर्ट ने ECI को निर्देश दिया कि वे हटाए गए मतदाताओं की सूची और कारणों को पारदर्शी तरीके से सार्वजनिक करें। इससे मतदाताओं को अपने नाम की स्थिति जांचने और सुधार का मौका मिलेगा। यह कदम बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है।
लोगों की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर लोग इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं। कई लोग इसे मतदाताओं के लिए राहत बता रहे हैं, जबकि कुछ ने ECI की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। यह खबर बिहार में तेजी से वायरल हो रही है, और लोग पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद जता रहे हैं।