Bihar Vidhansabha 2025: बिहार विधानसभा में हंगामा, RJD और BJP विधायकों में धक्का-मुक्की, तेजस्वी और सम्राट चौधरी आए आमने-सामने
बिहार विधानसभा में RJD-BJP विधायकों की धक्का-मुक्की, तेजस्वी और सम्राट चौधरी की बहस ने बढ़ाया सियासी तनाव।

Bihar Vidhansabha 2025: बिहार विधानसभा में मंगलवार को भारी हंगामा देखने को मिला। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक और धक्का-मुक्की की स्थिति बन गई। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के बीच भी जमकर बहस हुई। यह घटना बिहार की सियासत में एक नया विवाद खड़ा कर रही है, जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है।
तेजस्वी और सम्राट के बीच हुई तीखी नोकझोंक
बिहार विधानसभा में मॉनसून सत्र के दौरान मंगलवार को उस समय माहौल गरमा गया, जब RJD विधायकों ने कुछ मुद्दों पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया। तेजस्वी यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कई गंभीर आरोप लगाए। जवाब में सम्राट चौधरी ने भी पलटवार किया, जिसके बाद दोनों पक्षों के विधायकों के बीच तनाव बढ़ गया। देखते ही देखते यह तनाव बढ़कर धक्का-मुक्की और मारपीट तक जा पहुंचा। विधानसभा के बाहर भी RJD और BJP कार्यकर्ताओं के बीच झड़प और तकरार की खबरें सामने आईं।
Bihar Vidhansabha 2025: क्या थी हंगामे की वजह?
हंगामे की शुरुआत तब हुई, जब RJD विधायकों ने बिहार में बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था और अन्य जनहित के मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की। तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर भ्रष्टाचार और जनता के साथ वादाखिलाफी का आरोप लगाया। दूसरी तरफ, BJP विधायकों ने RJD पर सियासी ड्रामा करने का आरोप लगाया। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष को भी हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्होंने दोनों पक्षों को शांत रहने की चेतावनी दी। लेकिन स्थिति इतनी बिगड़ गई कि मार्शलों को बीच में आना पड़ा।
विधानसभा में सुरक्षा बढ़ाई गई
हंगामे के बाद विधानसभा में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है। विधानसभा अध्यक्ष ने सभी विधायकों को नियमों का पालन करने की हिदायत दी है। इस घटना ने बिहार की सियासत में एक नया मोड़ ला दिया है। सोशल मीडिया पर भी इस घटना की खूब चर्चा हो रही है, जहां लोग तेजस्वी यादव और सम्राट चौधरी के बयानों पर अपनी-अपनी राय दे रहे हैं।
जनता पर क्या होगा असर?
यह हंगामा बिहार की जनता के लिए कई सवाल खड़े कर रहा है। लोग चाहते हैं कि उनके चुने हुए नेता विधानसभा में जनता के मुद्दों पर चर्चा करें, न कि आपसी झगड़ों में समय बर्बाद करें। बिहार की सियासत में इस तरह के विवाद पहले भी देखे गए हैं, लेकिन इस बार का हंगामा खासा चर्चा में है।