
Bihar Vidhansabha Chunav: बिहार विधानसभा में मानसून सत्र के तीसरे दिन जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला। तेजस्वी ने कहा कि उन्हें नीतीश कुमार की स्थिति देखकर दुख और सहानुभूति होती है। उन्होंने उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा के बयान पर भी आपत्ति जताई, जिसमें सिन्हा ने कहा था कि तेजस्वी “खाली बोलते रहते हैं, कितना बोलेंगे, क्यों बोलेंगे?” तेजस्वी ने इसे अमर्यादित बयान करार देते हुए कहा, “अगर सदन में विपक्ष का नेता नहीं बोलेगा, तो कौन बोलेगा?”
विधानसभा में क्यों हुआ हंगामा?
बिहार विधानसभा में बुधवार को मतदाता पुनरीक्षण और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की। तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में कई लोगों के पास जरूरी दस्तावेज नहीं हैं, जिसके कारण मतदाता सूची में उनका नाम नहीं जुड़ पा रहा है। इस दौरान नीतीश कुमार ने जवाब दिया, “पहले बिहार में क्या था, सब जानते हैं।” नीतीश ने विपक्ष पर बिना वजह हंगामा करने का आरोप लगाया। इस बीच, राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा के खिलाफ तल्ख टिप्पणी की और कहा, “यह सदन किसी के बाप का नहीं है।” इस बयान से सत्तापक्ष के विधायक भड़क गए, जिसके बाद सदन में तनाव बढ़ गया।
Bihar Vidhansabha Chunav: नीतीश और तेजस्वी के बीच पुरानी तकरार
नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच यह कोई नई तकरार नहीं है। पहले भी दोनों नेताओं के बीच कई बार जुबानी जंग हो चुकी है। तेजस्वी ने नीतीश पर तंज कसते हुए कहा कि वह थक चुके हैं और बिहार को कोई और चला रहा है। दूसरी ओर, नीतीश ने तेजस्वी को उनके माता-पिता लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के शासनकाल की याद दिलाई।
बिहार की जनता के लिए क्या मायने?
यह हंगामा बिहार की जनता के लिए कई सवाल खड़े करता है। मतदाता पुनरीक्षण और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दे आम लोगों से सीधे जुड़े हैं। तेजस्वी का कहना है कि वह जनता की आवाज उठा रहे हैं, जबकि नीतीश सरकार का दावा है कि विपक्ष केवल राजनीति कर रहा है। बिहार विधानसभा में यह तनाव आगामी चुनावों से पहले सियासी माहौल को और गर्म कर सकता है।