
Bihar Vidhansbha News: बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र में 23 जुलाई 2025 को भारी हंगामा देखने को मिला। विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण (SIR) के मुद्दे पर विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच तीखी बहस हुई। इस दौरान राजद विधायक भाई वीरेंद्र के बयान “विधानसभा किसी के बाप का नहीं है” ने सदन में तूफान मचा दिया। इसके बाद सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच गाली-गलौज की नौबत आ गई। विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने इस बयान पर नाराजगी जताई और कार्यवाही स्थगित कर दी।
SIR पर विपक्ष का विरोध
विपक्षी इंडिया गठबंधन, जिसमें राजद, कांग्रेस और वामदल शामिल हैं, ने SIR को लेकर सरकार पर हमला बोला। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि SIR की प्रक्रिया गरीबों और प्रवासी मजदूरों के वोटिंग अधिकार छीन रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि आधार और राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों को मान्य नहीं किया जा रहा, जिससे लाखों वोटरों के नाम कट सकते हैं। तेजस्वी ने पूछा, “चुनाव आयोग को नागरिकता तय करने का अधिकार कौन देता है?” विपक्ष ने इसे एनडीए सरकार की साजिश बताया।
गाली-गलौज ने बढ़ाया तनाव
हंगामे के बीच राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने सत्तापक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि विधानसभा किसी की जागीर नहीं है। इस बयान पर उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा भड़क गए और जवाब में कथित तौर पर अपशब्दों का इस्तेमाल किया। विपक्ष ने इसे बीजेपी का “संस्कार” बताकर हमला बोला। स्पीकर ने भाई वीरेंद्र से माफी मांगने को कहा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। इससे सदन में हंगामा और बढ़ गया।
नीतीश का तेजस्वी पर पलटवार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, “तुम बच्चा थे, बेमतलब क्यों बोलते हो?” नीतीश ने SIR को सामान्य प्रक्रिया बताया और कहा कि यह मतदाता सूची को साफ करने के लिए जरूरी है। उन्होंने विपक्ष पर बेवजह हंगामा करने का आरोप लगाया। चुनाव आयोग ने भी दावा किया कि SIR संवैधानिक है और 96% से ज्यादा सत्यापन हो चुका है।
Bihar Vidhansbha News: सियासत में नया मोड़
यह हंगामा बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सियासी माहौल को और गरमा रहा है। इंडिया गठबंधन SIR के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक विरोध की योजना बना रहा है। वहीं, एनडीए ने इसे विपक्ष की नाटकबाजी बताया। इस घटना ने बिहार की राजनीति में गाली-गलौज और तनाव की नई बहस छेड़ दी है।