
डेस्क: छोटी दिवाली (नरक चतुर्दशी) का पावन पर्व आज 19 अक्टूबर 2025 को मनाया जा रहा है, जो दीवाली महोत्सव की पूर्व संध्या है। इस दिन मां लक्ष्मी का आगमन शुरू होता है, और यम का दीपक जलाकर मृत्यु के देवता यमराज को प्रसन्न करने की परंपरा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, आज शाम का शुभ मुहूर्त बहुत संक्षिप्त है—मात्र 1 घंटे 12 मिनट का—जिसमें यम दीपक जलाना अत्यंत फलदायी माना जाता है। यह दीपक अकाल मृत्यु से रक्षा करता है और घर में सुख-समृद्धि लाता है। यदि आप आज इस मुहूर्त में पूजा करेंगे, तो वर्ष भर नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलेगी। आइए जानें विस्तृत शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और विशेष टिप्स।
छोटी दिवाली 2025 का शुभ मुहूर्त: शाम 5:50 से 7:02 तक यम दीपक जलाएं
पंचांग के अनुसार, नरक चतुर्दशी तिथि 19 अक्टूबर को दोपहर 2:15 बजे से प्रारंभ होकर 20 अक्टूबर को दोपहर 2:00 बजे तक रहेगी। लेकिन यम दीपक का सर्वश्रेष्ठ समय प्रदोष काल में है। दिल्ली/उत्तर भारत के लिए मुख्य मुहूर्त निम्न हैं
| मुहूर्त का प्रकार | समय (19 अक्टूबर 2025) | अवधि |
|---|---|---|
| चतुर्दशी तिथि प्रारंभ | दोपहर 2:15 बजे से | अगले दिन दोपहर 2:00 तक |
| प्रदोष काल | शाम 5:50 बजे से 8:00 बजे तक | 2 घंटे 10 मिनट |
| यम दीपक मुहूर्त (शुभ) | शाम 5:50 बजे से 7:02 बजे तक | 1 घंटा 12 मिनट |
| अभ्यंग स्नान (अगले दिन) | 20 अक्टूबर सुबह 5:13 से 6:25 बजे | 1 घंटा 12 मिनट |
- सूर्योदय: सुबह 6:28 बजे।
- सूर्यास्त: शाम 5:28 बजे।
नोट: मुहूर्त शहर के अनुसार थोड़ा भिन्न हो सकता है। मुंबई में यम दीपक मुहूर्त शाम 5:47 से 7:03 बजे तक है। चेन्नई में शाम 6:00 से 7:15 बजे। कोलकाता में शाम 5:55 से 7:07 बजे।
यम दीपक की पूजा विधि: स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
छोटी दिवाली पर यम दीपक जलाना अकाल मृत्यु से रक्षा का प्रतीक है। कथा के अनुसार, राजा विक्रमादित्य ने यम दीपक जलाकर 14 वर्षों के लिए मृत्यु पर विजय प्राप्त की। विधि इस प्रकार है:
- तैयारी: शाम के मुहूर्त से पहले घर की सफाई करें। दक्षिण दिशा (यम की दिशा) में एक चार मुख वाला दीपक (या साधारण दीया) तैयार करें। इसमें तिल का तेल और चार बातियां डालें।
- स्थान: मुख्य द्वार के दक्षिणी कोने में दीपक रखें। यदि संभव हो, तो 14 दीपक जलाएं—एक यम के लिए, बाकी घर के कोनों में।
- पूजा: दीपक जलाएं, ‘ॐ यमाय नमः’ या ‘मृत्युना पाश हस्तेन कैलासात भूत्वा यमाय नमः’ मंत्र का जाप करें। तिल, चावल और फूल चढ़ाएं। हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- दान: पूजा के बाद गरीबों को तेल या दीपक दान करें। अगले दिन अभ्यंग स्नान (तेल से स्नान) करें।
- महत्व: यह पूजा नकारात्मक ऊर्जा, दुर्घटनाओं और स्वास्थ्य समस्याओं से बचाती है। ज्योतिषी कहते हैं कि शुक्र और मंगल ग्रहों को मजबूत करती है।
छोटी दिवाली के अन्य रिवाज: हनुमान पूजा और अभ्यंग स्नान
- हनुमान पूजा: छोटी दिवाली पर भगवान हनुमान की पूजा करें। ‘ॐ हनुमते नमः’ का जाप करें, जो भय और नकारात्मकता दूर करता है।
- अभ्यंग स्नान: अगले दिन (20 अक्टूबर) सुबह तिल के तेल से स्नान करें। यह त्वचा को स्वस्थ रखता है और लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ है।
- वर्जना: मांसाहार और झगड़े से बचें। घर में रंगोली बनाएं और मिठाई बांटें।



