
Bihar Flood 2025: बिहार के भागलपुर जिले में गंगा नदी उफान पर है, जिसने कई गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है। गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जिसके कारण दर्जनों गांव जलमग्न हो गए हैं। किशनपुर में रिंग बांध टूटने से स्थिति और गंभीर हो गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-80) और नवगछिया क्षेत्र भी बाढ़ की चपेट में हैं, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बाढ़ ने उनकी रोजी-रोटी और घरों को तबाह कर दिया है।
काहलगांव और भागलपुर में गंगा की स्थिति गंभीर
केंद्रीय जल आयोग (CWC) के अनुसार, 6 अगस्त 2025 को भागलपुर के काहलगांव में गंगा नदी का जल स्तर खतरे के निशान से 0.72 मीटर ऊपर 31.81 मीटर दर्ज किया गया, जबकि खतरे का स्तर 31.09 मीटर है। इसी प्रकार, भागलपुर शहर में गंगा का जल स्तर 33.79 मीटर पहुँच गया है, जो खतरे के स्तर 33.68 मीटर से 0.11 मीटर अधिक है। इन दोनों क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति को “गंभीर” माना गया है। इसके अलावा, कोसी और गंडक नदियों के बढ़ते जल स्तर के कारण बक्सर, पटना, मुंगेर तथा अन्य जिलों में भी हालात प्रभावित हुए हैं।
गांवों में बाढ़ का कहर, जनजीवन ठप
बाढ़ के कारण भागलपुर और आसपास के गांवों में पानी भर गया है। खेत, घर और सड़कें पानी में डूब चुकी हैं। किशनपुर में रिंग बांध के टूटने से बाढ़ का पानी तेजी से गांवों में फैल गया, जिसके चलते लोग अपने घर छोड़ने को विवश हैं। NH-80 पर जलभराव के कारण यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया है। नवगछिया में भी स्थिति चिंताजनक है, जहां लोग बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं। स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा है, लेकिन प्रभावित लोग मदद की कमी की शिकायत कर रहे हैं।
प्रशासन की कोशिशें और राहत कार्य
जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर शुरू किए हैं, जहां लोगों को भोजन और अस्थायी आश्रय दिया जा रहा है। एनडीआरएफ और अन्य टीमें बचाव कार्य में लगी हैं। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि राहत सामग्री समय पर नहीं पहुंच रही है। कई लोग ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं, लेकिन बिजली और पानी की कमी ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
बाढ़ से बचाव के लिए क्या करें?
स्थानीय लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे ऊंचे स्थानों पर जाएं और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। बाढ़ के पानी से बचने के लिए बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, जिन पर संपर्क कर मदद मांगी जा सकती है।