
Delhi Flood Alert: दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 206 मीटर से नीचे आ गया है, लेकिन बाढ़ का खतरा अभी टला नहीं है। हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद नदी का जलस्तर 205.98 मीटर पर पहुंचा है। इससे दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ की आशंका बनी हुई है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। आइए जानते हैं कि यह स्थिति क्या है, क्यों पैदा हुई, कब हुई, कहां असर डाल रही है, कैसे निपटा जा रहा है और इसमें कौन शामिल है।
क्या है यमुना के जलस्तर की स्थिति?
7 सितंबर 2025 को यमुना नदी का जलस्तर 205.98 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से थोड़ा ऊपर है। हथिनीकुंड बैराज से भारी बारिश के बाद अतिरिक्त पानी छोड़ा गया, जिससे दिल्ली के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। पुराना लोहा पुल और अन्य निचले इलाकों में पानी भरने की आशंका है। प्रशासन ने नदी के किनारे बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है।
क्यों और कब बढ़ा जलस्तर?
हाल ही में हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में हुई मूसलाधार बारिश के कारण हथिनीकुंड बैराज में पानी का स्तर बढ़ गया। इसके चलते बैराज से 7 सितंबर 2025 को सुबह भारी मात्रा में पानी यमुना में छोड़ा गया। यह पानी दिल्ली पहुंचने में कुछ घंटे लेता है, जिससे नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। बारिश और पानी छोड़े जाने की वजह से दिल्ली में बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं। खासकर नदी के आसपास के इलाके प्रभावित हो सकते हैं।
कहां असर, कैसे निपटेगा, कौन है जिम्मेदार?
दिल्ली के यमुना खादर, गीता कॉलोनी, कश्मीरी गेट और मजनू का टीला जैसे निचले इलाकों में बाढ़ का सबसे ज्यादा खतरा है। दिल्ली सरकार और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है, और बाढ़ से बचाव के लिए तटबंधों को मजबूत किया जा रहा है। दिल्ली पुलिस, NDRF और स्थानीय प्रशासन मिलकर स्थिति पर नजर रख रहे हैं। लोगों से नदी के पास न जाने और सतर्क रहने की अपील की गई है।