रूस को लेकर अमेरिकी विधेयक पर बढ़ी भारत की चिंता, डॉ. एस जयशंकर ने लिंडसे ग्राहम से की बात ?

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं और इस दौरान एक बड़ा सवाल अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम के उस प्रस्तावित विधेयक को लेकर उठा है, जिसमें रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर भारी टैरिफ लगाने की बात की गई है। जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहा है और अमेरिका में भारतीय दूतावास प्रत्यक्ष संवाद के जरिए स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहा है।
भारत की ऊर्जा सुरक्षा पर मंडरा रहा खतरा
अमेरिकी सांसद ग्राहम द्वारा प्रस्तावित बिल के अनुसार, जो देश रूस से तेल, गैस, यूरेनियम या अन्य उत्पाद खरीदते हैं, उनके सामानों पर अमेरिका में 500% तक का आयात शुल्क लगाया जा सकता है। भारत के लिए यह कदम काफी चिंता का विषय है क्योंकि यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से भारत रूस से बड़े पैमाने पर कच्चा तेल आयात कर रहा है।
वर्तमान में भारत रूस से उतना तेल खरीद रहा है जितना वह खाड़ी देशों से मिलाकर नहीं करता। ऐसे में इस बिल का असर भारत के ऊर्जा आपूर्ति तंत्र और आर्थिक संतुलन पर सीधे तौर पर पड़ सकता है।
जयशंकर बोले – बात हो रही है, समय आने पर फैसला करेंगे
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब डॉ. जयशंकर से इस विधेयक के संभावित प्रभाव को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा “हमारे दूतावास और राजदूत सीनेटर लिंडसे ग्राहम के संपर्क में हैं। हमने अपनी ऊर्जा सुरक्षा को लेकर उन्हें स्थिति स्पष्ट की है। अभी बिल केवल प्रस्तावित है, जब यह पास होगा, तब हम देखेंगे कि क्या करना है।”
रूस-यूक्रेन युद्ध और भारत की रणनीति
2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से ही पश्चिमी देशों ने रूस पर व्यापक प्रतिबंध लगाए हैं।
भारत ने हालांकि रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखते हुए रूस से तेल खरीदना जारी रखा, और पश्चिमी देशों से कूटनीतिक संतुलन भी बनाए रखा है।
लेकिन अब, जब लिंडसे ग्राहम के इस बिल को 80 से अधिक सीनेटरों का समर्थन मिल चुका है, तो भारत के लिए राजनयिक चुनौती और गहरी होती दिख रही है।
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