धार्मिक

Coincidence of Hanuman Jayanti is spiritual advancement.*प्रदोष व्रत और श्री हनुमान जन्मोत्सव 2025: पूजन विधि एवं उपायों की पूरी जानकारी*

बनारस: हिंदू पंचांग के अनुसार, 10 अप्रैल 2025 को प्रदोष व्रत और अनंग त्रयोदशी का संयोग बन रहा है। यह व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस बार यह व्रत गुरुवार को पड़ रहा है, जो भगवान शिव और बृहस्पति देव की संयुक्त कृपा दिलाने वाला माना जा रहा है। व्रत के दिन प्रातः स्नान के बाद शिवलिंग को पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराएं। बेल पत्र, चंदन, धूप, दीप, फल और मिठाई अर्पित करें। संध्या समय आठ दिशाओं में घी के दीपक जलाकर शिव आरती करें और जौ के सत्तू का भोग लगाएं। व्रत के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए तथा एक समय फलाहार या निराहार रहना शुभ माना गया है।
10 अप्रैल को अनंग त्रयोदशी भी है, जो दांपत्य जीवन में सुख-शांति और संतान सुख देने वाली मानी जाती है। इस दिन सुबह सूर्योदय के समय तांबे के लोटे से सूर्यदेव को आकड़े के फूल मिले जल से अर्घ्य देना विशेष लाभकारी है। यह उपाय सूर्य और शिव दोनों की कृपा प्राप्त करने में सहायक होता है।
12 अप्रैल 2025 को शनिवार के दिन हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस अवसर पर पांच प्रकार के आटे (गेहूं, तिल, उड़द, मूंग और चावल) से बने दीपक को सरसों के तेल या घी से भरकर हनुमानजी के नाम से जलाना चाहिए। इस दीपदान को मंदिर, पीपल या बरगद के वृक्ष के नीचे या घर के मंदिर में करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और भक्ति में दृढ़ता आती है। हनुमानजी की आराधना में रामभक्ति और गुरु के प्रति अटूट श्रद्धा का भाव रखना आवश्यक है। “श्रीरामदूताय नमः” या “ॐ हनुमते नमः” मंत्र का जाप करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
प्रदोष व्रत के दिन गुरुवार और शनिवार को हनुमान जन्मोत्सव का संयोग आध्यात्मिक उन्नति के लिए विशेष बताया गया है। इन उपायों के साथ-साथ सात्विक भोजन, मन की शुद्धता और नियमित पूजन को जीवन का अंग बनाने से देव कृपा सुलभ होती है। सभी पूजन विधियां स्थानीय परंपरा और संस्कारों के अनुसार समायोजित की जा सकती हैं।

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