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Gang extorting money in the name of Naxalite organization exposed: नक्सली संगठन के नाम पर रंगदारी वसूलने वाले गिरोह का पर्दाफाश, पांच गिरफ्तार

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सरायकेला। जिले के आमदा ओपी पुलिस ने नक्सली संगठन के नाम पर जबरन वसूली करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस मामले में पांच कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पकड़े गए अपराधियों की पहचान अविनाश हांसदा उर्फ जितेन हांसदा, धर्मेंद्र लागुरी उर्फ कलुआ डॉन, सुभाष दोराई उर्फ समाधान, अविनाश कुमार सिंहदेव उर्फ अंशु सिंहदेव और राजकुमार जोंको के रूप में हुई है। सभी अपराधी पश्चिमी सिंहभूम जिले के रहने वाले हैं।
पुलिस ने इनके पास से एक देसी कट्टा और एक जिंदा कारतूस, रंगदारी मांगने के लिए इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन, पश्चिमी सबजोनल कमेटी भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के नाम से जारी लेटरहेड, छह मोबाइल फोन, एक मोटरसाइकिल और एक सिम कार्ड बरामद किया है। सरायकेला-खरसावां के पुलिस अधीक्षक (एसपी) मुकेश कुमार लुणायत ने रविवार को प्रेस वार्ता कर पूरे मामले का खुलासा किया।
एसपी ने बताया कि 24 मार्च की रात को छह-सात अज्ञात अपराधियों ने रेलवे साइट पर काम कर रहे मजदूरों के साथ मारपीट की और पिस्तौल दिखाकर ठेकेदार से रंगदारी की मांग की थी। अपराधियों ने माओवादी संगठन के नाम पर 10% लेवी देने का दबाव बनाया था और ठेकेदार के मुंशी को बार-बार फोन कर धमकी दी जा रही थी। घटना के बाद पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की।
अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) के नेतृत्व में गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने तेजी से कार्रवाई करते हुए पांच अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार, गिरोह का मास्टरमाइंड अविनाश हांसदा उर्फ जितेन हांसदा है। गिरफ्तार अपराधियों का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है और वे हत्या, रंगदारी, मारपीट, आर्म्स एक्ट और सीएलए एक्ट जैसे गंभीर मामलों में पहले भी जेल जा चुके हैं।
पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस गिरोह के नक्सलियों से कोई सीधा संबंध है या नहीं। पश्चिमी सिंहभूम और आसपास के इलाकों में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस सतर्कता बढ़ा रही है और नक्सली संगठनों के नाम पर चल रहे अपराधों पर कड़ी नजर रख रही है।

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