नई दिल्ली: राष्ट्रीय आदिवासी उद्यमिता सम्मेलन का आयोजन राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली में किया गया। इस सम्मेलन का आयोजन भारतीय चैंबर्स ऑफ कॉमर्स फॉर एससी, एसटी एंड वुमन एंटरप्रेन्योर्स और राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान के संयुक्त प्रयास से किया गया।
कार्यक्रम में प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति
इस विशेष अवसर पर राज्यसभा सांसद सुजीत कुमार, राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान की विशेष निदेशक प्रोफेसर नुपुर तिवारी, भारतीय चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुबीर पॉल और राष्ट्रीय महासचिव श्रीमती हेमा एक्का ने हिस्सा लिया। इनके अलावा, देश के विभिन्न राज्यों से आए आदिवासी उद्यमी और सामाजिक कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।
सम्मेलन के मुख्य उद्देश्य
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आदिवासी उद्यमिता को प्रोत्साहन देना, आदिवासी समुदाय की आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में नीतियां बनाना, और उनके व्यावसायिक कौशल को उन्नत करना था। राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान ने इस आयोजन के जरिए आदिवासी समुदाय के उद्यमियों को अपने अनुभव साझा करने और नई संभावनाओं की खोज करने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया।
“आजादी का अमृत महोत्सव” के तहत संस्थान की स्थापना
राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान की स्थापना आदिवासी मामलों के मंत्रालय द्वारा “आजादी का अमृत महोत्सव” के तहत की गई थी। यह संस्थान आदिवासी संबंधी मुद्दों पर शोध, नीति निर्माण और प्रशिक्षण का एक प्रमुख केंद्र है। इसका उद्देश्य आदिवासी समुदाय के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास में योगदान देना है।
वक्ताओं के विचार
सांसद सुजीत कुमार ने अपने संबोधन में कहा, “आदिवासी समुदाय के उद्यमियों में न केवल नेतृत्व क्षमता है, बल्कि उनके पास अपने पारंपरिक कौशल और ज्ञान के साथ नई तकनीकों को अपनाने की अनूठी योग्यता भी है।” उन्होंने आदिवासी युवाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
प्रोफेसर नुपुर तिवारी ने कहा कि आदिवासी उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है कि उन्हें बेहतर अवसर और प्रशिक्षण मिले। उन्होंने इस प्रकार के आयोजनों को आदिवासी समाज के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण बताया।
राष्ट्रीय महासचिव श्रीमती हेमा एक्का ने कहा, “इस सम्मेलन का उद्देश्य आदिवासी उद्यमियों के उत्पादों और सेवाओं को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पहचान दिलाना है।”
सम्मेलन की विशेषताएं
कार्यक्रम में आदिवासी उद्यमियों ने अपने व्यवसायिक अनुभव साझा किए और सरकार की विभिन्न योजनाओं और सहायता कार्यक्रमों के बारे में जानकारी प्राप्त की। इसके अलावा, उत्पादों की प्रदर्शनी, प्रशिक्षण सत्र और नेटवर्किंग कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।
यह आयोजन आदिवासी उद्यमियों को एकजुट करने, उनके प्रयासों को मान्यता देने और उन्हें वैश्विक मंच पर आगे बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया। यह सम्मेलन आदिवासी समुदाय के विकास और उनकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।