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पांकी में मुर्दे भी करते हैं चेक निर्गत, शिक्षा व्यवस्था की खुली पोल

मृत व्यक्ति के हस्ताक्षर से एमडीएम की 118000 रुपए की निकासी

पलामू।पांकी प्रखंड के स्त्रोन्नत उच्च विद्यालय द्वारिका के प्रबंधन समिति के अध्यक्ष उमेश गुप्ता की मौत हो जाने के बाद भी उनके हस्ताक्षर से 118000 की फर्जी निकासी करने का मामला प्रकाश में आया है।
मामले का खुलासा होने के बाद विद्यालय के प्रधानाध्यापक विनय पांडे ने इस मामले से अपना पल्ला झाड़ते हुए विद्यालय की संयोजिका पम्मी देवी पर राशि निकालने का आरोप लगाया है।
विद्यालय की संयोजिका पम्मी देवी ने प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी के कार्यालय पहुंचकर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच एवं शिक्षक के द्वारा उन पर लगाए गए आरोप को बेबुनियाद बताते हुए प्रधानाध्यापक विनय पांडे पर कई गंभीर आरोप लगाए।


विद्यालय की संयोजिका पम्मी देवी ने बताया कि प्रबंधन समिति के अध्यक्ष उमेश गुप्ता की मौत 5 मार्च 2024 को हो गई है, मौत होने के दूसरे दिन ही 6 मार्च को 49000 की निकासी एवं 7 मार्च को ₹20000 की निकासी एवं लगभग 6 महीने के बाद पुणः 30 सितंबर को 49000 की राशि की निकासी की गई है, राशि कैसे निकाली इस संबंध में उन्हें कोई विशेष जानकारी नहीं है, वे सिर्फ हस्ताक्षर करना जानती हैं शिक्षक उनसे हस्ताक्षर लेते थे इसके अलावा विद्यालय के कार्य में उनका कोई योगदान नहीं रहता था,उन्होंने कहा कि पूर्व में प्रभारी प्रधानाध्यापक के निर्देश पर वे दुकानदारों एवं प्रधानाध्यापक को पैसे निकासी कर देते थे, उन्होंने एक और बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि विद्यालय में बच्चों की फर्जी उपस्थिति भी बनाई जाती थी जिसका पैसा शिक्षक को दिया जाता था।
इस संबंध में विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक विनय पांडे ने बताया कि अध्यक्ष के मौत होने की जानकारी लिखित रूप से विभाग को दी गई थी, वह इस मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
प्रधानाध्यापक के बयान से यह स्पष्ट होता है कि यदि विभाग को अध्यक्ष के मौत होने की सूचना उपलब्ध कराई गई थी तो विभाग द्वारा तत्काल इस पर कोई पहल क्यों नहीं की गई और आखिर लगभग 9 महीने बीतने के बाद ही यह मामला प्रकाश में कैसे आया।
यदि इस मामले की गहनता से जांच की जाए तो मामले जरूर चौंकाने वाले होंगे।
इधर मामले की जानकारी होने के बाद एमडीएम प्रभारी अमृतेश मिश्रा ने बताया कि फर्जी निकासी की जानकारी उन्हें मिली है जांच की जा रही है जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि एमडीएम चलाने के बाद ही पैसे का भुगतान किया जाता है दुकानदार आपूर्ति करता को आपूर्ति के बदले भुगतान मिलता है वही प्रखंड में कई ऐसे में कई शिक्षक हैं एमडीएम का संचालन करते हैं एवं अध्यक्ष संयोजिका से अपने नाम पर चेक लेकर भुगतान भी लेते हैं।*

पांकी प्रखंड प्रमुख पंचम प्रसाद ने बताया कि फर्जी निकासी की जानकारी उन्हें मिली है, पैसे की निकासी कैसे हुई यह जांच का विषय है उन्होंने शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों से इस मामले में संलिप्प्त दोषियों पर तत्काल कार्यवाई की मांग की है।*

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