Jharkhand Ghatsila By-Election: झामुमो ने सोमेश सोरेन को दिया टिकट, शहीद निर्मल महतो की समाधि पर लिया आशीर्वाद
JMM ने रामदास सोरेन के करीबी सोमेश को बनाया उम्मीदवार, शहीद निर्मल महतो की समाधि पर लिया आशीर्वाद।
Jharkhand Ghatsila By-Election: झारखंड की राजनीति में घाटशिला विधानसभा उपचुनाव के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। पूर्व विधायक रामदास सोरेन के निधन से खाली हुई इस सीट पर झामुमो ने सोमेश सोरेन को टिकट दिया है। सोमेश ने नामांकन दाखिल करने से पहले शहीद निर्मल महतो की समाधि स्थल पर आशीर्वाद लिया। यह घटना झारखंड की राजनीति में भावनात्मक और सियासी माहौल पैदा कर रही है। उपचुनाव 11 नवंबर को होगा, जिसमें झामुमो का दावा है कि वे इस सीट को जीतकर आदिवासी हितों की रक्षा करेंगे।
सोमेश सोरेन को दिया गया टिकट
झामुमो ने घाटशिला से सोमेश सोरेन को अपना उम्मीदवार बनाया है। सोमेश पूर्व विधायक रामचंद्र सोरेन के करीबी हैं। रामदास सोरेन का निधन 2024 में हुआ था, जिससे यह सीट खाली हो गई। सोमेश ने कहा, “मैं शहीद निर्मल महतो के आदर्शों पर चलूंगा और घाटशिला के विकास के लिए काम करूंगा।” झामुमो का दावा है कि सोमेश आदिवासी समाज के हितों की रक्षा करेंगे। पार्टी ने कहा कि यह टिकट सोरेन परिवार की विरासत को आगे बढ़ाने का प्रयास है। उपचुनाव में भाजपा ने बाबूलाल सोरेन को उम्मीदवार बनाया है, जो पूर्व सीएम चंपाई सोरेन के बेटे हैं। यह सीट आदिवासी बहुल है, जहां झामुमो का मजबूत आधार है।
शहीद निर्मल महतो की समाधि पर आशीर्वाद
नामांकन से पहले सोमेश सोरेन शहीद निर्मल महतो की समाधि स्थल पहुंचे। वहां उन्होंने पुष्पांजलि अर्पित की और समर्थकों के साथ प्रार्थना की। निर्मल महतो झारखंड के स्वतंत्रता सेनानी और आदिवासी नेता थे, जिनकी समाधि घाटशिला में है। सोमेश ने कहा – महतो जी के बलिदान से प्रेरणा लूंगा। समर्थकों की भीड़ ने नारे लगाए और सोमेश को आशीर्वाद दिया। यह क्षण भावनात्मक था, जहां सोमेश ने झामुमो के आदर्शों का जिक्र किया। स्थानीय लोग कहते हैं कि यह सोमेश की सियासी शुरुआत का प्रतीक है।
चुनाव पर असर: झामुमो vs भाजपा
यह उपचुनाव झामुमो और भाजपा के बीच आदिवासी वोट बैंक पर जंग का मैदान बनेगा। झामुमो का दावा है कि वे विकास और आदिवासी हितों पर लड़ेंगे। भाजपा ने बाबूलाल को टिकट देकर सोरेन परिवार को ही चुनौती दी है। घाटशिला पूर्वी सिंहभूम जिले में है, जहां आदिवासी मुद्दे प्रमुख हैं। ECI ने सुरक्षा के लिए 8.5 लाख अधिकारियों की तैनाती का ऐलान किया है।



