Jharkhand News: कोयला श्रमिकों के लिए केंद्र सरकार का ऐतिहासिक फैसला: मौत पर आश्रितों को 1 करोड़ का अतिरिक्त मुआवजा
खदान हादसे में मृतक श्रमिकों के परिवारों को 1 करोड़ का अतिरिक्त मुआवजा, नई नीति की घोषणा।

Jharkhand News: केंद्र सरकार ने कोयला खदानों में काम करने वाले श्रमिकों के परिवारों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने शनिवार को घोषणा की कि दुर्घटना में मरने वाले कोयला श्रमिकों के आश्रितों को अब 1 करोड़ रुपये का अतिरिक्त मुआवजा मिलेगा। यह सुविधा कोल इंडिया लिमिटेड के नियमित और ठेके पर काम करने वाले सभी मजदूरों के लिए होगी। पहले नियमित कर्मचारियों को 1 करोड़ का मुआवजा मिलता था, जबकि ठेके वाले श्रमिकों को बीमा के तहत अधिकतम 40 लाख रुपये ही दिए जाते थे। अब यह लाभ सभी को समान रूप से मिलेगा, जो श्रमिकों के परिवारों के लिए बड़ी राहत साबित होगा।
दुर्घटना बीमा में बड़ा बदलाव, सभी श्रमिकों को बराबर हक
मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि कोयला क्षेत्र में काम करने वाले हर मजदूर की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। 17 सितंबर 2025 से लागू होने वाले इस नए नियम के तहत, खदान दुर्घटना में मौत होने पर आश्रितों को 1 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बीमा कवर मिलेगा। यह फैसला आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत लिया गया है, जिसका मकसद कोयला उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ श्रमिकों की भलाई सुनिश्चित करना है। कोल इंडिया के नियमित कर्मचारियों को पहले से यह सुविधा थी, लेकिन अब ठेके पर काम करने वाले हजारों मजदूरों को भी यही लाभ मिलेगा। इससे खदानों में काम करने वाले गरीब परिवारों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।
कोविड मामलों में भी बढ़ा मुआवजा
इसके अलावा, कोयला श्रमिकों के कोविड से जुड़े मामलों में एक्स-ग्रेशिया राशि को भी बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया है। पहले यह 15 लाख रुपये था। मंत्री ने बताया कि यह बदलाव श्रमिकों की कठिनाइयों को देखते हुए किया गया है। साथ ही, सभी कोयला खदानों में यूनिफॉर्म पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। इससे मजदूरों की पहचान आसान होगी और सुरक्षा के उपाय मजबूत होंगे। झारखंड जैसे कोयला उत्पादक राज्य में यह फैसला हजारों परिवारों को फायदा पहुंचाएगा, जहां खदान दुर्घटनाएं आम हैं।
कोयला उत्पादन पर जोर, महत्वपूर्ण खनिजों की घरेलू
मंत्री ने कहा कि देश में कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास हो रहे हैं। वैश्विक मांग के बीच महत्वपूर्ण खनिजों की घरेलू उत्पादन क्षमता को मजबूत किया जा रहा है। यह घोषणा श्रमिकों का मनोबल बढ़ाएगी और खदानों में उत्पादकता में इजाफा करेगी। झारखंड के कोयला मजदूरों ने इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे परिवारों को आर्थिक तंगी से निजात मिलेगी। सरकार का यह कदम श्रमिक कल्याण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। अधिक जानकारी के लिए कोयला मंत्रालय की वेबसाइट देखें।