Jharkhand News: झारखंड में दिल दहला देने वाली घटना, दिव्यांग आदिवासी नाबालिग लड़की से दुष्कर्म, आरोपी को ग्रामीणों ने पकड़ा
दुमका में मानवता शर्मसार, मूक-बधिर नाबालिग से दरिंदगी, गुस्साए ग्रामीणों ने आरोपी को पीटा।
Jharkhand News: झारखंड के दुमका जिले में एक ऐसी वारदात हुई है, जो पूरी मानवता को शर्मसार कर देगी। मंगलवार शाम को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के एक छोटे से गांव में एक 13 साल की दिव्यांग आदिवासी लड़की के साथ दुष्कर्म किया गया। आरोपी ने लड़की के घर पर अकेले होने का फायदा उठाया। जब माता-पिता काम से लौटे, तो उन्होंने आरोपी को भागते देखा। रोती हुई बेटी को देखकर उनका दिल टूट गया। गुस्साए ग्रामीणों ने आरोपी को पकड़ लिया और जमकर पिटाई की। मंगलवार रात ही उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। बुधवार को पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। पीड़िता को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। यह मामला महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर रहा है।
दुमका में दुष्कर्म का पूरा मामला
यह घटना मंगलवार की शाम करीब 5 बजे हुई। पीड़िता एक गरीब आदिवासी परिवार की बेटी है। वह मूक-बधिर है और चलने-फिरने में भी असमर्थ। परिवार की झोपड़ी में अकेली रह रही थी। माता-पिता खेतों में काम करने गए थे। आरोपी, जो उसी गांव का 20 साल का युवक है, को लड़की की कमजोरी का पता था। उसने झोपड़ी का दरवाजा तोड़ दिया और अंदर घुस गया। वहां उसने नाबालिग के साथ क्रूरता की। थोड़ी देर बाद माता-पिता लौटे। बाहर से आरोपी को भागते देखा। अंदर जाकर बेटी को रोते और तड़पते पाया। मां-बाप ने चिल्लाना शुरू किया। शोर सुनकर पड़ोसी इकट्ठा हो गए। ग्रामीणों ने आरोपी को घेर लिया और उसकी जमकर धुनाई की। फिर उसे रात में ही थाने पहुंचा दिया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। पीड़िता के पिता ने शिकायत दर्ज कराई।
पीड़िता की हालत: अस्पताल में भर्ती
पीड़िता की उम्र महज 13 साल है। वह न सिर्फ बोल-सुन नहीं सकती, बल्कि चलने में भी दिक्कत महसूस करती है। दुष्कर्म के बाद वह डर और दर्द से कांप रही थी। परिवार ने उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल ले गए। बुधवार को दुमका के फूलो झानू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में उसका पूरा मेडिकल चेकअप हुआ। डॉक्टरों ने कहा कि घाव गहरे हैं, लेकिन इलाज से ठीक हो जाएगी। परिवार वाले सदमे में हैं। पिता ने बताया, “हम गरीब हैं, बेटी को घर पर अकेला छोड़ना पड़ता है। आरोपी पड़ोसी था, कभी सोचा न था कि वो ऐसा करेगा।” मां रोते हुए बोलीं, “बेटी कुछ बोल नहीं पाती, बस आंखों से दर्द बता रही है।” ग्रामीणों ने कहा कि गांव में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए रात में गश्त बढ़ानी चाहिए।
पुलिस की सख्ती: POCSO के तहत केस दर्ज
मुफस्सिल थाना प्रभारी सत्यम कुमार ने बताया कि पीड़िता के पिता की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) और POCSO एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी को बुधवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। कहा कि “लड़की अकेली थी, मौका देखकर ऐसा किया।” अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने घटनास्थल पर फॉरेंसिक टीम भेजी और सबूत इकट्ठा किए। सिटी एसपी ने कहा, “ऐसे अपराधियों को सजा दिलाने के लिए पूरी ताकत लगाएंगे। महिलाओं की सुरक्षा पहली प्राथमिकत है।” जांच अधिकारी ने चेतावनी दी कि कोई भी आरोपी कानून के दायरे से बाहर नहीं भागेगा।
झारखंड में बढ़ते अपराध
झारखंड में हाल के दिनों में महिलाओं और बच्चों पर अत्याचार के मामले बढ़ रहे हैं। खासकर आदिवासी इलाकों में गरीबी और जागरूकता की कमी से ऐसी घटनाएं हो रही हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि ग्रामीण इलाकों में पुलिस चौकियां बढ़ानी चाहिए। स्कूलों में बच्चों को सुरक्षा के बारे में सिखाना जरूरी है। दिव्यांग बच्चों के लिए अलग हेल्पलाइन होनी चाहिए। सरकार ने POCSO कोर्ट तेज करने का वादा किया है, लेकिन अमल में कमी दिख रही है। ग्रामीणों ने मांग की है कि आरोपी को फांसी हो। यह घटना पूरे राज्य को झकझोर रही है। अगर आप या आपके आसपास ऐसी कोई शिकायत हो, तो तुरंत 100 या 112 पर कॉल करें। समाज को एकजुट होकर ऐसी बुराइयों से लड़ना होगा।



