
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता अरविंद केजरीवाल ने आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जारी समन को चुनौती देने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
केजरीवाल ने 17 सितंबर 2024 को राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा उनकी याचिका खारिज किए जाने के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की है। इससे पहले निचली अदालत ने दो समनों को रद्द करने की मांग को खारिज कर दिया था।
ED की शिकायत पर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भेजे थे समन
यह समन मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा प्रवर्तन निदेशालय की शिकायतों पर संज्ञान लेने के बाद जारी किए गए थे। ईडी ने अपनी शिकायत में कहा था कि अरविंद केजरीवाल को कई बार समन भेजे गए, लेकिन वह बार-बार पेश होने से बचते रहे। यह समन उस समय भेजे गए जब ईडी आबकारी नीति से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही थी।
हालांकि यह नीति, जिसे नवंबर 2021 में लागू किया गया था, सितंबर 2022 में वापस ले ली गई थी।
सीबीआई और ईडी, दोनों एजेंसियां सक्रिय
इस पूरे मामले में दो एजेंसियां अलग-अलग एंगल से जांच कर रही हैं:
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सीबीआई इस नीति के निर्माण और लागू करने में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है।
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वहीं, ED इस नीति से जुड़े कथित वित्तीय लेनदेन और मनी लॉन्ड्रिंग के पहलुओं को खंगाल रही है।
हाल ही में 4 जुलाई 2025 को हाई कोर्ट ने केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और अन्य आरोपियों से जवाब मांगा है। यह कार्रवाई सीबीआई की उस याचिका पर हुई जिसमें एजेंसी ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें कुछ अप्रमाणित दस्तावेजों का खुलासा करने का निर्देश दिया गया था।
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