
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी इन दिनों लगातार बिहार से लेकर महाराष्ट्र तक अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने में जुटे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने पुणे और कोल्हापुर के दौरे पर कई तीखे बयान दिए। खासकर पीएम पद को लेकर पूछे गए सवाल पर उनका जवाब सुर्खियों में है।=
पुणे में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब ओवैसी से पूछा गया कि अगर वह प्रधानमंत्री होते तो पहलगाम आतंकी हमले पर क्या कदम उठाते, तो उन्होंने साफ कहा –”मुझे ख्वाब देखने का शौक नहीं है। मैं अपनी सीमाएं जानता हूं और हकीकत से डील करता हूं।”
हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि पहलगाम हमले के बाद भारत के पास पाकिस्तान को सख्त जवाब देने का मौका था, लेकिन अचानक ऑपरेशंस रोक दिए गए। ओवैसी ने सवाल उठाया कि जब पूरा देश तैयार था, तो कार्रवाई क्यों थमी।
इचलकरंजी रैली में बीजेपी-आरएसएस पर हमला
कोल्हापुर के यशोलक्ष्मी मैदान में आयोजित उनकी विशाल रैली में हजारों लोग शामिल हुए। मंच पर उनके साथ पार्टी सांसद इम्तियाज जलील समेत कई नेता मौजूद थे। जलील ने आरोप लगाया कि उनकी रैलियों को रोकने की कोशिश हो रही है, लेकिन एआईएमआईएम मजबूती से मुकाबला करेगी।
सभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने भाजपा और आरएसएस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने पहलगाम हमले में 26 नागरिकों की मौत का जिक्र करते हुए सवाल किया –”जब पीएम कहते हैं कि खून और पानी साथ नहीं बह सकते, तो फिर भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच क्यों कराया गया?”
ओवैसी ने हिंदुत्ववादी संगठनों पर सीधा वार करते हुए कहा –”मैं धर्म के लिए मरने को तैयार हूं, क्या तुम भी तैयार हो?”
उन्होंने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ पर भी तंज कसा कि दरगाह पर हमले पर वह चुप रहे, लेकिन “आई लव मोहम्मद” पोस्टर पर तुरंत कार्रवाई कर दी। इसके साथ ही उन्होंने वक्फ कानून खत्म करने की केंद्र सरकार की कोशिश का विरोध किया और कहा कि मुसलमान अपनी मस्जिदें नहीं छोड़ेंगे।