बिहार चुनाव: महगठबन्धन में दरार? राजद ने अब तक नहीं जारी की उम्मीदवारों की सूची

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया तेज हो गई है, लेकिन महागठबंधन के सबसे बड़े घटक दल राजद (राष्ट्रीय जनता दल) ने अब तक अपने उम्मीदवारों की पूरी सूची जारी नहीं की है। जबकि नामांकन की अंतिम तारीख नजदीक है, गठबंधन के भीतर सीटों के बंटवारे पर खींचतान जारी है।
पहले चरण की 121 सीटों पर नामांकन की समय सीमा समाप्त हो चुकी है, मगर विपक्षी दलों के बीच सीट शेयरिंग पर अंतिम सहमति नहीं बन सकी। इस कारण कई सीटों पर “दोस्ताना मुकाबले” की स्थिति बनती दिख रही है।
राजद, कांग्रेस, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और वामपंथी दलों के बीच चल रही बातचीत अब तक पूरी तरह सुलझ नहीं पाई है। वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) को महागठबंधन में शामिल न किए जाने के बाद उसने बिहार में अलग चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है और छह सीटों पर अपने उम्मीदवार भी उतार दिए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, दूसरे चरण की सीटों पर टिकट वितरण को लेकर राजद और कांग्रेस के बीच कई जगहों पर सीधा टकराव देखने को मिल रहा है।
कुटुंबा विधानसभा सीट से राजद ने सुरेश पासवान को प्रत्याशी बनाया है, जबकि इसी सीट पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम चुनाव मैदान में हैं। लालगंज और सिकंदरा सीटों पर भी दोनों दलों के बीच तालमेल नहीं बन सका है।
वारसलीगंज में राजद ने अनिता देवी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने सतीश कुमार सिंह को सिंबल दिया है। बताया जा रहा है कि करीब आठ सीटों पर महागठबंधन के घटक दलों में अब तक सहमति नहीं बनी है।
इस बार बिहार में मुकाबला एनडीए बनाम महागठबंधन के बीच माना जा रहा है। एनडीए में भाजपा और जदयू प्रमुख साझेदार हैं, जबकि महागठबंधन का नेतृत्व तेजस्वी यादव कर रहे हैं।
पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर, दूसरे चरण की 11 नवंबर को होगी और 14 नवंबर को मतगणना की जाएगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उम्मीदवारों की सूची जारी करने में देरी से राजद और महागठबंधन को चुनावी रणनीति और प्रचार मोर्चे पर नुकसान हो सकता है।



