लालू परिवार में बढ़ी खींचतान, लालू यादव की पर बैठे संजय यादव, रोहिणी आचार्य ने तेजस्वी पर खड़े कर दिए सवाल

पटना: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का परिवार एक बार फिर सुर्खियों में है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की “बिहार अधिकार यात्रा” के दौरान खींची गई एक तस्वीर ने परिवार और पार्टी में हलचल मचा दी है। इस तस्वीर में तेजस्वी की फ्रंट सीट पर उनके राजनीतिक सलाहकार और राज्यसभा सांसद संजय यादव बैठे नजर आए।
परंपरा के अनुसार यह सीट हमेशा शीर्ष नेता यानी लालू प्रसाद या तेजस्वी यादव के लिए मानी जाती है। संजय यादव के वहां बैठने से सोशल मीडिया पर सवाल उठे। एक पोस्ट में लिखा गया कि यदि कोई खुद को शीर्ष नेतृत्व से भी ऊपर समझ रहा है तो यह गलत है।
रोहिणी आचार्य की नाराज़गी
लालू प्रसाद की सिंगापुर में रहने वाली बेटी रोहिणी आचार्य ने इस पोस्ट को शेयर कर विवाद को और हवा दे दी। संकेत साफ था कि उन्हें भी संजय यादव का यह कदम पसंद नहीं आया। हालांकि, कुछ ही घंटों बाद रोहिणी ने अन्य नेताओं की तस्वीरें पोस्ट कर सफाई दी और लिखा कि वंचित वर्ग को आगे लाना ही लालू प्रसाद का मकसद रहा है।
अगले दिन उन्होंने अपने पिता के साथ कई तस्वीरें साझा कीं, जिनमें किडनी डोनेट करने की तस्वीर भी शामिल थी। रोहिणी ने लिखा कि उन्हें किसी पद की चाहत नहीं, आत्मसम्मान उनके लिए सबसे अहम है।
तेज प्रताप और संजय यादव की पुरानी खटास
यह पहला मौका नहीं है जब संजय यादव को लेकर विवाद हुआ हो। लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पहले भी कई बार उन पर निशाना साध चुके हैं और उन्हें “जयचंद” कहा है। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि संजय यादव की वजह से ही तेज प्रताप परिवार से अलग हुए।
विश्लेषकों का कहना है कि जैसे तेज प्रताप दूरी बना चुके हैं, वैसे ही अब रोहिणी भी संजय यादव की वजह से अलग-थलग पड़ सकती हैं। तेजस्वी यादव अपने इस सलाहकार पर पूरा भरोसा करते हैं और उनकी राय को महत्व देते हैं। यही वजह है कि परिवार के भीतर संजय यादव को लेकर लगातार खींचतान बनी रहती है।



