
Bihar Politics: बिहार की सियासत में एक बार फिर हंगामा मच गया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के कथित अपमान का मामला गहराता जा रहा है। बिहार के उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सम्राट चौधरी ने बड़ा दावा किया है कि लालू परिवार ने माफी मांगने से साफ इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर राजद और कांग्रेस के दलित कार्यकर्ता भी नाराज हैं और माफी की मांग कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
लालू यादव के 78वें जन्मदिन के मौके पर एक वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो में एक समर्थक लालू के पैरों के पास बाबा साहेब आंबेडकर की तस्वीर रखता दिखा। इस घटना को भाजपा ने दलित समाज और आंबेडकर के अपमान से जोड़ा और राजद पर हमला बोला। सम्राट चौधरी ने कहा कि यह घटना राजद के दलित विरोधी चरित्र को दिखाती है। उन्होंने दावा किया कि राजद और कांग्रेस के दलित कार्यकर्ता भी इस घटना से आहत हैं और चाहते हैं कि लालू या उनके बेटे तेजस्वी यादव सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें। लेकिन लालू परिवार ने माफी से इनकार कर दिया है।
राजद का जवाब और सियासी घमासान
इस विवाद पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि लालू यादव ने Bihar में बाबा साहेब की कई मूर्तियां स्थापित की हैं और उनकी पार्टी आंबेडकर के विचारों को मानती है। तेजस्वी ने भाजपा पर झूठ फैलाने और दलित वोटों को बांटने का आरोप लगाया। लेकिन भाजपा इस मुद्दे को छोड़ने को तैयार नहीं है। पटना की सड़कों पर लालू और तेजस्वी से माफी मांगने की मांग वाले पोस्टर लगाए गए हैं।
दलित समाज में आक्रोश, भाजपा का हमला
भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी लालू पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि लालू को दलित समाज से माफी मांगनी चाहिए। बिहार में अनुसूचित जाति आयोग ने भी लालू को नोटिस भेजा है। सम्राट चौधरी ने कहा कि यह घटना बिहार की 14 करोड़ जनता के लिए शर्मनाक है। उन्होंने राजद पर दलितों और पिछड़ों के साथ छल करने का आरोप लगाया।