राष्ट्रीय

पप्पू यादव का किसानों के प्रदर्शन पर बयान: “किसान से किसी को मतलब नहीं”

पटना:बिहार के नेता पप्पू यादव ने हाल ही में किसानों के प्रदर्शन पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने कहा कि आज की राजनीति में किसान की कोई अहमियत नहीं रह गई है। यादव ने आरोप लगाया कि धार्मिक और जातिगत मुद्दों पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है, जबकि किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।

किसानों की समस्याओं पर चिंता

पप्पू यादव ने कहा, “यहां मंदिर, भगवान, हिंदू-मुसलमान और जात-पात की बातें हो रही हैं। देश की जनता को किसान से क्या लेना-देना है?” उन्होंने किसानों के मुद्दों को उठाते हुए कहा कि बिहार और बंगाल के किसानों की आवाज़ को सुना नहीं जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि पंजाब और हरियाणा के कुछ किसान ही अपनी समस्याओं के लिए लड़ाई कर रहे हैं।

शिक्षा माफिया का आरोप

यादव ने सीएचएफएल के परिणामों को एक बड़ा घोटाला बताया और कहा कि यह सब शिक्षा माफिया का काम है। उन्होंने आरोप लगाया कि कोचिंग संस्थान और बीपीएससी के बीच साठगांठ हो रही है, जिससे छात्रों का करियर समाप्त हो रहा है। “अभी सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि 80,000 छात्र सर्वर डाउन होने के कारण फॉर्म भरने में असफल रहे हैं,” उन्होंने कहा।

नीतीश कुमार की सरकार पर कटाक्ष

पप्पू यादव ने नीतीश कुमार की सरकार को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि बिहार में अफसरशाही हावी हो गई है और नीति तथा नियत दोनों खराब हैं। “जब चुनाव आते हैं, तो किसान से समझौता कर लिया जाता है,” उन्होंने कहा।

ममता बनर्जी के प्रति सम्मान

ममता बनर्जी के बारे में बात करते हुए, पप्पू यादव ने उन्हें एक बड़ी नेता बताया और कहा कि कांग्रेस भी उनका सम्मान करती है। उन्होंने कहा, “ममता दीदी को हम अपनी बड़ी बहन मानते हैं।” यादव ने सुझाव दिया कि ममता बनर्जी को गठबंधन में थोड़ा दिल बड़ा करना चाहिए।

सपा का इंडिया गठबंधन से किनारा

महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी (सपा) द्वारा इंडिया गठबंधन से किनारा करने पर पप्पू यादव ने कहा कि विभिन्न मुद्दों पर भिन्नता हो सकती है, लेकिन अखिलेश यादव एक सोबर पॉलिटिशियन हैं। “हम सब एनडीए की हिटलरशाही के खिलाफ हैं,” उन्होंने स्पष्ट किया।

निष्कर्ष

पप्पू यादव के बयान से स्पष्ट होता है कि वे किसानों की समस्याओं और शिक्षा क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार के प्रति गहरी चिंता व्यक्त कर रहे हैं। उनकी बातें बिहार की राजनीतिक स्थिति और क्षेत्रीय नेताओं के बीच सहयोग की आवश्यकता को भी उजागर करती हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!