Grandmother sacrificed to superstition in Saraikela::मंगला माँ की सवारी के नाम पर तीन नातिनों ने की 65 वर्षीय महिला की हत्या

सरायकेला।झारखंड के सरायकेला-खरसावाँ जिले में अंधविश्वास और तांत्रिक मानसिकता की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जहां मंगला माँ की पूजा के दौरान सवारी के प्रभाव में आकर तीन नातिनों ने अपनी ही 65 वर्षीय नानी की कथित रूप से बलि दे दी। यह घटना समाज में धार्मिक अंधविश्वास की भयावह तस्वीर पेश करती है।
सरायकेला नगर क्षेत्र के जगन्नाथ मंदिर के पास रविवार रात को एक खौफनाक वारदात ने पूरे इलाके को सन्न कर दिया। 65 वर्षीय सुमित्रा नायक, जो बेगनाडीह की रहने वाली थीं, अपनी बेटी रवीना खंडाइत के घर कुछ दिनों के लिए आई हुई थीं। बताया जा रहा है कि रवीना और उनके पति अमर खंडाइत मंगला माँ की साधना और तांत्रिक पूजा-पाठ में लिप्त रहते थे।
बीती रात करीब 8:30 से 9:00 बजे के बीच घर में पूजा चल रही थी, तभी रवीना की तीन बेटियां – तनीषा (19), और दो नाबालिग बहनें वीणा एवं टीना – अचानक उग्र हो उठीं। उन्होंने दावा किया कि उनके ऊपर मंगला माँ सवार हैं और देवी बलि की मांग कर रही हैं। इसी कथित सवारी के प्रभाव में आकर तीनों बहनों ने लकड़ी काटने वाली दाउली से अपनी नानी सुमित्रा नायक पर हमला कर दिया।
हमले में सुमित्रा नायक की मौके पर ही मौत हो गई। जब उनके माता-पिता रवीना और अमर ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, तो तीनों बहनों ने उन्हें भी बुरी तरह पीट दिया। यही नहीं, उन्होंने अपनी छोटी नाबालिग बहन को भी पीट-पीटकर घायल कर दिया।
मृतका के बेटे दिलीप नायक ने बताया कि जब उन्हें घटना की सूचना मिली और वे पुलिस के साथ पहुंचे, तो आरोपी बहनों ने इसे घरेलू विवाद बताकर लौटा दिया। हालांकि, स्थानीय ग्रामीणों की सूचना के बाद पुलिस दोबारा मौके पर पहुंची और मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच शुरू की।
घटना के बाद से इलाके में दहशत और तनाव का माहौल है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आरोपी बहनों से पूछताछ की जा रही है। चूंकि दो आरोपी नाबालिग हैं, इसलिए उनके खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, यह मामला केवल घरेलू विवाद या हत्या नहीं, बल्कि अंधविश्वास और तांत्रिक मानसिकता की गहराई से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है। पुलिस फॉरेंसिक जांच के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद लेने की भी तैयारी में है ताकि घटना के पीछे की मानसिक और सामाजिक जड़ तक पहुंचा जा सके।
फिलहाल पुलिस जांच जारी है और पूरे मामले की तह तक जाने का प्रयास किया जा रहा है। यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि 21वीं सदी में भी समाज में अंधविश्वास किस हद तक लोगों को हैवान बना सकता है।