Aam Aadmi Party withdrew its nomination from the Delhi mayor elections., पंजाब पर फोकस बढ़ाया

आम आदमी पार्टी ने दिल्ली मेयर चुनाव से नामांकन वापस लिया, पंजाब पर फोकस बढ़ाया
नई दिल्ली:दिल्ली में आगामी महापौर चुनाव से आम आदमी पार्टी (AAP) ने अचानक नामांकन वापस लेने का फैसला किया है, जो राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। पार्टी ने यह कदम दिल्ली में बढ़ती चुनौतियों और भाजपा के दबाव को देखते हुए उठाया है, ताकि वह अपनी पूरी ताकत पंजाब में आगामी विधानसभा चुनावों पर केंद्रित कर सके।
विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद, AAP ने दिल्ली के बजाय पंजाब में अपनी सत्ता को मजबूत बनाए रखने को प्राथमिकता दी है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने दिसंबर 2022 के नगर निकाय चुनावों में अलोकतांत्रिक तरीकों का सहारा लेकर एमसीडी पर कब्जा करने की कोशिश की है। 2022 के एमसीडी चुनावों में AAP ने 134 वार्ड जीते थे, जबकि भाजपा 104 और कांग्रेस 9 वार्डों पर विजयी रही थी। वर्तमान में भाजपा के पास एमसीडी में 119 पार्षद हैं, जबकि AAP के पास लगभग 111 हैं।
AAP के दिल्ली संयोजक सौरभ भारद्वाज ने भाजपा पर लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हेराफेरी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी दिल्ली में सत्ता पाने के लिए हर संभव हथकंडा अपना रही है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, मेयर चुनाव में हार की संभावना और पार्टी नेतृत्व पर भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण यह निर्णय लिया गया है ताकि AAP की छवि और अधिक खराब न हो।
पंजाब में AAP की सरकार अभी भी पार्टी का एकमात्र मजबूत गढ़ है, लेकिन वहां भी किसान आंदोलन से मोहभंग, गुटबाजी और केंद्र सरकार के साथ तनाव जैसी चुनौतियां बढ़ रही हैं। मेयर चुनाव से नाम वापस लेकर AAP यह संदेश देना चाहती है कि वह बड़ी राजनीतिक लड़ाइयों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, हालांकि यह पार्टी की सिकुड़ती राजनीतिक पकड़ का भी संकेत है।
अब AAP का पूरा ध्यान पंजाब विधानसभा चुनाव पर केंद्रित होगा, जहां पार्टी की राजनीतिक स्थिरता और अस्तित्व दोनों दांव पर हैं। दिल्ली में मेयर पद की दौड़ से पीछे हटकर AAP ने अपनी रणनीति बदल दी है, जो आने वाले समय में राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकती है।