Religious
Devotees danced in joy of Lord Jesus’ resurrection on Easter Sunday, lighting candles at the grave:ईस्टर संडे का पर्व हर्षोल्लास और आस्था के साथ मनाया

गुवा। पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित गुवा, किरीबुरु-मेघाहातुबुरु क्षेत्र में ईसाई समुदाय के लोगों ने ईस्टर संडे का पर्व हर्षोल्लास और आस्था के साथ मनाया। गुड फ्राइडे के बाद आने वाले पहले रविवार को मनाया जाने वाला यह पर्व ईसाई धर्म के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन प्रभु यीशु मसीह के पुनरुत्थान की खुशी में श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे को बधाइयां दीं और विशेष प्रार्थनाएं कीं।

गुड फ्राइडे को प्रभु यीशु के बलिदान को याद कर जहां श्रद्धालु दुखी होते हैं, वहीं ईस्टर संडे को उनके दोबारा जीवित होने की मान्यता के कारण यह दिन उल्लास और नई उम्मीद का प्रतीक बन जाता है। ईसाई मान्यता के अनुसार, प्रभु यीशु को धार्मिक कट्टरपंथियों ने रोम के शासक के माध्यम से सूली पर चढ़वा दिया था, लेकिन वह तीन दिन बाद, यानी रविवार को पुनः जीवित हो गए थे। इसी घटना को याद करते हुए हर साल ईस्टर संडे मनाया जाता है।

इस अवसर पर सुबह-सवेरे श्रद्धालु कब्रिस्तान पहुंचे और अपने पूर्वजों की कब्र पर मोमबत्तियां जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही प्रभु यीशु के प्रेम, करुणा और शांति के संदेश को याद करते हुए विशेष आराधना की।
ईस्टर को बदलाव और आत्मचिंतन का भी दिन माना जाता है। मान्यता है कि प्रभु यीशु के पुनरुत्थान के बाद उन्हें यातनाएं देने वालों को भी अपने कर्मों पर गहरा पछतावा हुआ था।




