शिक्षा

सीयूजे में भारतीय भाषा उत्सव 2024 का आयोजन

रांची : आज झारखंड केन्द्रीय विश्वविद्यालय में राजभाषा प्रकोष्ठ की ओर से कुलपति प्रो क्षिति भूषण दास के नेतृत्व में एक दिवसीय भारतीय भाषा उत्सव दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. उपेन्द्र सत्यार्थी के स्वागत वक्तव्य से किया गया। इस अवसर पर उन्होंने भारतीय भाषा उत्सव के उद्देश्य से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि तमिल कवि, लेखक, पत्रकार एवं चिंतक सुब्रमण्यम भारती की रचनाएं भारतीय भाषाओं की एकता को मजबूत बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव के.के. राव ने कहा कि यह उत्सव भाषा सौहार्द को बढ़ावा देने का काम करेगा।

उन्होंने कहा कि भाषा की बात रखते हुए एक भारत श्रेठ भारत की बात कही| उन्होंने प्रत्येक मातृभाषा की अपनी महत्ता होती है, उसे संरक्षित और संवर्धित करना अत्यंत आवश्यक है। संकायाध्यक्ष प्रोफेसर मनोज कुमार ने भारतीय भाषाओं के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये सभी भाषाएं भारतीय संस्कृति को अभिव्यक्त करती हैं जो किसी भी देश के बहुत महत्वपूर्ण है। इस कार्यक्रम में उपस्थित प्रो. सुचेता सेन चौधरी ने बंगला और असमिया में लोधा जनजाति की अपनी व्यथा को गीत के माध्यम से प्रस्तुत किया। इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर बीबी मिश्रा ओड़िया भाषा, डॉ शिव कुमार ने कन्नड़, रामकृष्ण रेडी ने तेलुगू, नफ़ीस खान ने उर्दू, कृष्ण कुमार ने राजस्थानी, के डी तिवारी ने नागपुरी, अजीत किस्पोट्टा ने कुड़ुख, डॉ जगदीश ने भोजपुरी, डॉ भास्कर सिंह ने मगही और प्रोफेसर रत्नेश विश्वकसेन ने हिंदी में अपनी रचनाएँ प्रस्तुत की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अनेक अधिकारी,कर्मचारी एवं विद्यार्थीगण मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ उपेन्द्र सत्यार्थी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ रजनी कांत पांडेय ने किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!